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वैज्ञानिक समाज के निर्माण में पेरियार के विचारों की बड़ी भूमिकाः डा. विक्रम

आधुनिक भारत के निर्माता ईवी रामास्वामी पेरियार की स्मृति में विचार गोष्ठी का आयोजन

प्रयागराज. आधुनिक भारत के निर्माता ईवी रामस्वामी के स्मृति दिवस की 50वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। डा. अंबेडकर छात्रावास (सलोरी) हुई विचार गोष्ठी को प्रोफेसर रतनलाल (दिल्ली विश्वविद्यालय) ने बतौर मुख्यवक्ता खिताब किया। प्रोफेसर रतनलाल ने कहा कि ये वक्त मंदिर और मूर्तियों की राजनीति को खारिज करते हुए पेरियार के सपनों का भारत बनाने का है, तभी उत्तर भारत पर लगा गोबरपट्टी का टैग हटेगा।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम ने कहा कि पितृ सत्ता और जाति व्यवस्था ने ही इस देश को गर्त में डाल रखा है। लोकतांत्रिक रिश्तों के निर्माण से लेकर ब्राह्मणवाद को खत्म करने के मुक्कमल पैरोकार हैं। रिटायर्ड आईएएस केसी सरोज ने कहा कि सबको शिक्षा हासिल कर प्रगतिशील मूल्यों को बचाना होगा।

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भगत सिंह, अंबेडकर, पेरियार स्टडी सर्किल संस्थापक डा. कमल उसरी ने पेरियार को याद करते हुए कहा कि आज एक तरफ नौजवानों को बेरोजगार बनाया जा रहा हैं और उन्हें धर्म का चोला पहनाकर पूरे देश को बर्बाद किया जा रहा हैं। ऐसे में पेरियार के ही विचार युवाओं को इन समस्याओं से बाहर निकाल सकते हैं।

अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ एडवोकेट माता प्रसाद ने कहा कि आरएसएस के वर्चस्व की संस्कृति के खिलाफ जनवादी संस्कृति का निर्माण करना होगा, जिसमें हमारे समाज के नायक-नायिका फुले, अंबेडकर, पेरियार होंगे। कार्यक्रम का संयोजन आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा. जेएन पाल, पूनम, एडवोकेट त्रिपुरारी पाल, छेदीलाल गुप्ता, गयादीन पाल, अभिषेक कुमार पाल, विजय बहादुर, भानु, धनराज, श्रीकांत, अवनीश, उमेश, विपिन समेत सैकड़ों छात्र और शहरी मौजूद रहे।

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