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बेमौसम बरसात से फीकी पड़ी दशहरे की रंगत, मूर्तियों का विसर्जन शुरू

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). पिछले दो दिन से आसमान पर डेरा जमाए बादलों से हो रही बरसात के बीच पूजा पंडालों में स्थापित मूर्तियों का विसर्जन शुरू हो गया है। तो, दूसरी तरफ लौटते मानसून के बरसने से रंग-बिरंगे दशहरे की रंगत फीकी पड़ गई है। आज जनपद के कई हिस्सों में रुक-रुककर बारिश होती रही। समीपवर्ती जनपद प्रतापगढ़ और कौशांबी में भी कई स्थानों पर तेज बारिश हुई, इससे महापर्व दशहराके लिए की गई सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं।

शहर में भी रुक-रुककर हो रही बरसात से कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई है। बरसात से सड़कों पर की गई सजावट में भी करंट उतरने का खतरा बढ़ गया है। विजयदशमी पर्व पर निकलने वाले पजावा और पत्थरचट्टी के रामदल के दौरान अगर रात में बरसात हुई तो आयोजन पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगा।

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नगर पंचायत में भी आज से ऐतिहासिक तीन दिवसीय दशहरे मेलेकी शुरुआत हो रही है, लेकिन यहां भी मौसम की मार देखने को मिलरही है। मौसम की मार की वजह से ही यहां पर पहले की तरह न तो चहल-पहल दिख रही है और न ही दुकानदारों में कोई उल्लास दिख रहा है। फिलहाल शारदीय नवरात्रिकी दशमी से ही मूर्तियों का विसर्जन शुरू होगया है। शहरी क्षेत्र के लिए फाफामऊ अंदावामें विसर्जन स्थल बनाया गया है, जबकि यमुनापार व गंगापार के लिए अलग-अलग स्थान चिह्नित किए गए हैं, जिसमें आज से मूर्तियों का विसर्जन शुरू हो गया है। मूर्ति विसर्जन के मद्देनजर जिला व पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।

आज प्रतिमाओं के विसर्जन से पूर्व पूजा कमेटियों और श्रद्धालुओं की तरफ से गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। खूब अबीर-गुलाल उड़ाए गए। शहर के बंगाली समाज की महिलाओं ने सिंदूर दान कर एक दूसरे के सुहाग की रक्षा की कामना मातारानी से की। विसर्जन से पूर्वपूजा पंडालों में प्रसाद का वितरण किया गया। इसके पश्चात माता का जयकारा लगाते हुए भक्त निर्धारित स्थलों पर पहुंचे।

 

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