महज 52 दिन में मिट्टी में मिल गई ‘माफियागीरी’, अतीक और अशरफ सुपुर्द-ए-खाक

24 फरवरी, 2023 की शाम लबेरोड उमेशपाल (राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह) और उनके दो सरकारी सुरक्षा कर्मियों के ऊपर की गई ताबड़तोड़ फायरिंग ने माफिया अतीक अहमद के काले साम्राज्य को हमेशा-हमेशा के लिए ध्वस्त कर दिया गया। उमेशपाल हत्याकांड में ही पुलिस रिमांड पर लिए गए माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ के ऊपर 15 अप्रैल की रात 10.37 बजे उस समय आटोमेटिक पिस्टल से गोलियां बरसाई गईं, जब वह रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए काल्विन हास्पिटल ले जाए जा रहे थे।