बीमार मवेशिय़ों को हफ्तेभर बाद नसीब हुआ इलाज, पशुपालकों में रोष
प्रयागराज (राहुल सिंह). बरसात के सीजन में पालतू मवेशियों में कई तरह की बीमारियां घर कर रही हैं। पशुपालक झोलाछाप डाक्टरों से इलाज करवाने को मजबूर हैं। वजह है पशुपालन विभाग के द्वारा शिकायत के बावजूद लापरवाही बरतना। कोरांव क्षेत्र में शनिवार को खबर चलने के बाद पशुपालन विभाग की नींद टूटी और बड़ोखर में तैनात पशु चिकित्सक बीमार पशुओं का इलाज करने के लिए पहुंचे।
बड़ोखऱ में एक गाय हफ्तेभर से बीमार पड़ी थी। यहपालतू नहीं थी। इसकी देखभाल करनेवाला भी कोई नहीं था। मामले की शिकायत कई दफा की गई। योगी सरकार के द्वारा चलाई गई हेल्पलाइन पर भी समस्या बताई गई। कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद समाचार चलने के बाद पशुपालन विभाग सक्रिय हुआ।
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पशु पालन विभाग से दिलीपकुमार ने हफ्तेभर से बीमार पड़ी गाय का इलाज किया। इसके बाद मानपुर में ही कमलेश्वर सिंह की भी सप्ताहभर से बीमार पड़ी गाय का इलाज किया। इसके बाद टीम बड़ोखर इटहरियान टोला राज नारायण पांडेय भैंस बीमार थी, उसका भी इलाज किया। इसी क्रम में टीम ने चंदूपुर में हरिशंचंद्र पटेल पड़िया, बड़ोखर के विजय शंकर गाय को देखकर दवा दी।
बताते चलें कि विकास खंड कोरांव में 115 ग्राम पंचायतें हैं, लेकिन पशु विभाग के चिकित्सक द्वारा क्षेत्र में इलाज नहीं किया जा रहा, जिसके चलते हर गांव में बीमारी व दुर्घटना के कारण गाय-बैल, बछडा की मौत हो रही है।
स्थानीय पशु पालकों का कहना है कि पशु चिकित्सक क्षेत्र में कभी नहीं आते। घर पर बैठकर ड्यूटी करते हैं और माह में एक बार आकर हस्ताक्षर बनाकर चले जाते हैं। मजबूरी में लोगों को झोलाछाप डाक्टरों या फिर दवा की दुकान से इलाज करवाना पड़ता है, जिसमें हानि भी उठानी पड़ती है।
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