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कुछ ऐसे दिखा आंशिक सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा, कैमरे में कैद करने को उत्सुक दिखे लोग

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). साल 2022 का आखिरी सूर्यग्रहण आज समाप्त हो गया।  जनपद में सूर्यग्रहण (Solar Eclipse 2022) 4.40 बजे से 5.27 बजे तक रहा। यहां पर सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) की कुल अवधि लगभग 47 मिनट रही। हालांकि यह अन्य स्थानों पर सूर्यग्रहण के लगने और उसके समाप्त होने के समय के अनुसार यह समय अलग-अलग रहा। दीपपर्व के ठीक दूसरे दिन सूर्यग्रहण के लगने से लेकर उसके समाप्त होने तक लोगों में खासी उत्सुकता देखी गई। लोग अपने-अपने घरों की छतों पर खड़े होकर इस अद्भुत खगोलीय घटना को अपने कैमरे में कैद करते नजर आए।

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सोशल मीडिया (social media) पर भी सूर्यग्रहण ट्रेंड करता रहा। दीपावली के ठीक दूसरे दिन सूर्यग्रहण पड़ने के कारण आज गोवर्धन पूजा (govardhan puja) नहीं की गई। ज्योतिषियों का मत है कि अब गोवर्धन पूजा, भाईदूज और अन्नकूट का पर्व 26 अक्टूबर को एक साथ मनाया जाएगा। हालांकि तीनों पर्वों के एक साथ मनाए जाने को लेकर विद्वानों में मतैक्य नहीं है। पंडित त्रियुगीकांत मिश्र और ज्योतिषी विकास द्विवेदी ने बताया कि सूर्यग्रहण का सूतक आज भोर में ही लग गया था और यह दिनभर (सूर्यग्रहण की समाप्ति तक) प्रभावी रहा। सूतक काल में किसी भी प्रकार का पर्व या शुभ कार्य सर्वदा वर्जित रहता है। अब 26 अक्टूबर को अन्नकूट का पर्व ही मनाया जाएगा, जबकि गोवर्धन पूजा और भाईदूज का पर्व 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

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पंडित त्रियुगीकांत मिश्र ने बताया, सूर्यग्रहण में ग्रहण से चार प्रहर पूर्व और चंद्र ग्रहण में तीन प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। वृद्ध, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं। ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोडना चाहिए। बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए। ग्रहण के समय बहुत से कार्य वर्जित भी किए गए हैं। ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरुरतमंदों को वस्त्र दान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है। देवी भागवतमें उल्लेख है कि भूकंप एवं ग्रहण के अवसर पर पृथ्वी को खोदना नहीं चाहिए।

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सूर्य या फिर चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। हमाशे देश में इस खगोलीय घटना का वैज्ञानिक महत्व होने के साथ ही धार्मिक महत्त्व भी है। 25 अक्टूबर 2022 (संवत् 2079, कार्तिक मास, कृष्णपक्ष अमावस्या) का यह सूर्यग्रहण (खंडग्रास) उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों को (डिब्रूगढ़, इंफाल, ईटानगर, कोहिमा, शिवसागर, सिलचर, तामेलोंग आदि) छोड़कर शेष स्थानों पर दिखाई पड़ा। ग्रहण का अंत (मोक्ष) भारत में सूर्यास्त होने के कारण स्पष्ट नहीं दिखा। इस ग्रहण का सूतक 25 अक्टूबर 2022 के सूर्योदय से पहले रात्रि 02:25 बजे से आरंभ हो गया था। इसके बाद मंगलवार (25 अक्टूबर) को दोपहर 2.25 बजे ग्रहण प्रारंभ हुआ। ग्रहण का मध्य (परमग्रास) शाम 4.30 बजे से 6.35 मिनट तक रहा। स्थान के हिसाब से यह समय भिन्न-भिन्न रहा।

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