The live ink desk. पेट्रोल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पारंपरिक स्टील से बने LPG सिलेंडरों को नये जमाने के फाइबर से निर्मित सिलेंडरों से बदलने की घोषणा की है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्यमंत्री सुरेश गोपी ने राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय एक जुलाई, 2024 तक सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले 32.68 करोड़ सक्रिय घरेलू LPG उपभोक्ता हैं।
ओएमसी के पास वर्तमान समय में 50 करोड़ से अधिक स्टील से बने सिलेंडर प्रचलन में हैं। भविष्य की नई मांग और विकल्प को देखते हुए ओएमसी नियमित रूप से अपने भंडार की समीक्षा करता है, साथ ही नये सिलेंडरों की खरीद के लिए निविदाएं जारी करता है।
तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) निविदा आवश्यकताओं को पूरा करने वाले किसी भी निर्माता से प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से मिश्रित सिलेंडर खरीदती हैं। मौजूदा समय में देश में कहीं भी ओएमसी द्वारा कोई मैन्युफैक्चरिंग सुविधा स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
मंत्रालय ने बताया कि कंपोजिट फाइबर से निर्मित गैस सिलेंडर हाल ही में पेश किया गया है, यह अभी सीमित मात्रा में प्रचलन में है। फाइबर से बने इन सिलेंडर्स में तीन-परत की संरचना होती है। यह सिलेंडर एक ब्लो-मोल्डेड हाई-डेंसिटी पॉलीइथिलीन (HDPE) इनर लाइनर से बना होता है, जो पॉलिमर-रैप्ड फाइबर ग्लास की एक कपोंजिट परत से ढका होता है और HDPE से बाहरी जैकेट बना होता है।
हालांकि, यह सिलेंडर पारंपरिक स्टील सिलेंडर की तुलना में महंगे होते हैं लेकिन वजन में हल्के, जंग-मुक्त, पारदर्शी और सुरक्षित होते हैं।
तेल विपणन कंपनियां विभिन्न तरीकों से कंपोजिट सिलेंडरों को बढ़ावा दे रही हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं में अलग-अलग तरीकों से जागरुक भी किया जा रहा है।