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मिशन मोड में युवाओं को रोजगार दे रही डबल इंजन की सरकारः योगी आदित्यनाथ

मिशन रोजगार के तहत उत्तर प्रदेश में 7,720 लेखपालों को बांटा गया नियुक्ति पत्र। अब तक छह लाख से अधिक युवाओं को मिला सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र। सूबे में 1,55,000 पुलिस कार्मिकों और 1,54,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई।

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, डबल इंजन की सरकार युवाओं के रोजगार के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। बीते साल सालों में पूरी ईमानदारी के साथ, आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। प्रदेश सरकार के द्वारा अब तक छह लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकभवन में नवनियुक्त लेखपालों को नियुक्तिपत्र वितरित कर रहे थे। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 7,720 लेखपालों को आज नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। मुख्यमंत्री ने 21 नव चयनित लेखपालों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में इतने कम समय में और इतनी बड़ी संख्या में युवाओं की नियुक्ति पहले कभी देखने को नहीं मिली। अधियाचन से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण की इस पूरी प्रक्रिया और जिला आवंटन तक किसी को सिफारिश करने-कराने की जरूरत नहीं पड़ी। प्रदेश सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी ताकत लगा रही है। हम इन युवाओं के माध्यम से प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसर कर, देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित कर सकेंगे।

सीएम ने कहा, अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े हुए यह सभी युवा प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। इन सभी युवाओं का चयन प्रदेश के विभिन्न भर्ती बोर्डों/आयोगों के माध्यम से किया गया है। प्रदेश में 1,55,000 से अधिक पुलिस कार्मिकों और 1,54,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया गया। इसके साथ ही अन्य विभागों में भी नियुक्ति प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया गया।

नव चयनित लेखपालों और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए सीएम ने कहा कि 7,720 नव चयनित युवाओं को उनकी आकांक्षा के अनुरूप, राजस्व विभाग में लेखपाल के पद पर नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं। सभी को बिना किसी भेदभाव व सिफारिश के नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ है। इसलिए आपकी जिम्मेदारी बनती है कि गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों की ईज ऑफ लिविंग के लिए आपके स्तर पर अच्छे कार्य किए जाएं।

नवचयनित लेखपालों से कहा, अगले 10 वर्षों तक इतनी मेहनत करिए कि आपकी सरकारी सेवा की 35 वर्षों की नींव इतनी मजबूत हो कि पदोन्नति में आसानी हो और आगे बढ़ने का अवसर मिले। राजस्व विभाग में लेखपाल की कड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेखपालों का जनता से अत्यंत नजदीकी जुड़ाव होता है। आप सभी वरासत, पट्टा, नामांतरण, पैमाइश और कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि घोषित कर निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्यों में अपना योगदान देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में भूमि संबंधी विवाद व हिंसक घटनाएं केवल एक या दो फीट जगह के लिए होती है। यदि समय पर भूमि की पैमाइश कर सीमांकन कर दिया जाए और पुलिस का सहयोग लिया जाए तो इन घटनाओं को रोका जा सकता है। यदि किसी भू-माफिया या दबंग को सरकारी या निजी जमीन पर कब्जा करते हुए देखें, तो एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स से समन्वय बनाकर कार्य करें। राजस्व विभाग की पूरी व्यवस्था डिजिटाइज्ड हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कई वर्षों से लेखपालों के पद खाली पड़े थे। वर्षों से इन पदों के भरे जाने की मांग चल रही थी। प्रदेश में निवेश की व्यापक सम्भावनाओं तथा आम जनमानस की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2022 में राजस्व विभाग ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अधियाचन भेजा था। चयन आयोग ने चयन की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के माध्यम से सम्पन्न की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया के संपन्न होने के पश्चात वर्तमान में लेखपाल के 4,700 पदों का अधियाचन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजा जा चुका है। इस भर्ती प्रक्रिया को भी अति शीघ्र पूरा किया जाएगा। इस प्रक्रिया के पूर्ण होते ही प्रदेश के लिए आवश्यक 30,837 लेखपालों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

सुदृढ़ कानून व्यवस्था से प्रदेश में आया निवेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतरीन कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बना है। राज्य सरकार द्वारा अब तक 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को जमीनी धरातल पर उतारा जा चुका है। लगभग 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को जमीनी धरातल पर उतारने की कार्यवाही चल रही है। इन सभी कार्यों से भी प्रदेश के एक करोड़ 62 लाख से अधिक युवाओं को उनके गांवों व जनपदों में नौकरी की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है।

62 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया

इसके अलावा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, पीएम विश्वकर्मा जैसी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के 62 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। परिणाम स्वरूप प्रदेश की बेरोजगारी दर तेजी के साथ कम हुई है। वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश देश की छठी अर्थव्यवस्था माना जाता था। आज प्रदेश देश की दूसरी बड़ी और तेजी के साथ बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है।

2017 से पहले नियुक्ति के लिए होती थी वसूली

मुख्यमंत्री ने कहा वर्ष 2017 से पहले नियुक्ति के नाम पर पैसे वसूले जाते थे। जब यहां का युवा कहीं बाहर जाता था तो उत्तर प्रदेश का नाम सुनकर उसे हेय दृष्टि से देखा जाता था। आज राज्य के युवाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। क्योंकि, उनको मालूम है कि यह नये उत्तर प्रदेश का नया युवा है, जिसकी प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया मान रही है। इस पहचान को बरकरार रखने की आवश्यकता है। इसके लिए पूरी ऊर्जा और ताकत लगानी पड़ेगी।

गैर कृषि भूमि घोषित करने की नई व्यवस्था

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि घोषित करने के लिए प्रदेश सरकार ने व्यवस्था बनाई है। इसमें अधिकारियों को 45 दिन में यह कार्य पूरा करना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करता है तो यह कार्य स्वतः संपन्न मान लिया जाएगा। यदि इसके बाद भी मामला लंबित है और कोई व्यक्ति इससे पीड़ित है, तो शासन स्तर पर जवाबदेही भी तय की जाती है। आईजीआरएस में दर्ज होने वाले मामलों की प्रत्येक 15 दिन पर प्रदेश स्तर पर समीक्षा की जाती है। जनपद स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा के लिए कहा गया है।

यूपी के 63 लाख परिवारों को दी गई घरौनी

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाला कोई भी व्यक्ति परम्परागत रूप से गांव तथा ग्राम समाज की जमीन पर मकान बनाकर रह रहा है, तो उसकी जमीन का मालिकाना अधिकार घरौनी के माध्यम से प्रदान करने के लिए बड़े स्तर पर कार्य चल रहा है। प्रदेश में अब तक 63 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को यह सुविधा प्रदान की जा चुकी है। इस वर्ष के अन्त तक सभी एक करोड़ 25 लाख परिवारों को यह सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, ताकि गांव के जमीन सम्बन्धी विवाद वहीं पर समाप्त हो सकें।

कार्यक्रम में वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्व परिषद के अध्यक्ष डा. रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरुप्रसाद मौजूद रहे।

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