ताज़ा खबरपश्चिमांचलराज्य

पांडवों की सेना के पास था कुशल नेतृत्वः डा. अलका अग्रवाल

टीएमयू के आईकेएस की समन्वयक डा. अलका ने नेशनल कांफ्रेंस में पढ़ा शोधपत्र

मुरादाबाद. तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के सेंटर फॉर इंडियन नालेज सिस्टम-आईकेएस की समन्वयक डा. अलका अग्रवाल ने महाभारत में नेतृत्व के महत्व को बताते हुए कहा, कौरवों के पास बड़ी सेना थी, किन्तु कुशल नेतृत्व नहीं था, जबकि पांडवों के पास सेना कम थी, लेकिन कुशल नेतृत्व था। इसीलिए पांडव विजयी हुए। पांडव सेना की इस ऐतिहासिक विजय के मूल में टीम भावना निहित है। यदि टीम के सदस्यों के उद्देश्य सामान नहीं हैं, तो लक्ष्य की प्राप्ति असंभव है।

डा. अलका शैलेश जे. मेहता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे की ओर से प्रबंधन में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आयोजित तीन दिनी नेशनल कांफ्रेंस में अपना शोधपत्र प्रस्तुत कर रही थीं।

वर्तमान परिप्रेक्ष्य के संदर्भ में प्राचीन भारतीय ग्रंथों में प्रबंधन व्यवस्था: विश्लेषणात्मक अध्ययन पर डा. अलका शैलेश ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। टीएमयू आईकेएस की समन्वयक डा. अलका अग्रवाल ने कहा कि  रामायण, महाभारत और कौटिल्य के अर्थशास्त्र से प्रबंध कौशल और नेतृत्व की बारीकियों को सीख सकते हैं। भगवान श्रीराम में नेतृत्व के गुण पैदा करने का श्रेय उनके गुरु विश्वामित्र को जाता है।

कहा, रामायण में जहां एक ओर राम के कुशल नेतृत्व से लंका पर विजय प्राप्त होती है, वहीं रावण का कुप्रबंधन उसकी हार का कारण बनता है। अर्थशास्त्र में लिखे नेतृत्व और प्रबंधन के ज्ञान साम, दाम, दंड और भेद को उन्होंने वर्तमान में चल रही व्यापारिक गतिविधियों के उदाहरणों जैसे- बिज़नेस एलाइनमेंट, मर्जर, एक्वीजीशन आदि के माध्यम से समझाया।

कॉन्फ्रेंस में नामचीन लेखक, प्रखर वक्ता एवं आईआईएम बंगलूरू के प्रो. बी महादेवन भी मौजूद रहे। नेशनल कांफ्रेंस में 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। डा. अलका अग्रवाल ने एक सत्र की अध्यक्षता भी की। अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कांफ्रेंस को हवाई यूनिवर्सिटी होनोलुलु के प्रो. धर्मा भावुक, आईआईटी जोधपुर के प्रो. जितेश मोहनोत, आईआईएम अहमदाबाद के प्रो. सतीश देवधर, आईआईटी बॉम्बे के प्रो. वरदराज बापट, आईआईटी बॉम्बे के प्रो. रोहन चिंचवाढकर, आईआईटी बॉम्बे के डायरेक्टर प्रो. शिरीष केदारे ने भी संबोधित किया।

कीनोट एड्रेस आरबीआई के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर  एस. गुरुमूर्ति ने किया। इस नेशनल कांफ्रेंस एवम् कार्यशाला में प्रो. जुबिन मूला, प्रो. आलोक कुमार, प्रो. अजिंक्य नवारे, आईएमआर मुंबई के एसपी जैन, आईआईएम इंदौर के प्रो. सिद्धार्थ रस्तोगी, आईआईटी इंदौर के प्रो. कीर्ति त्रिवेदी, आईआईएम इंदौर के प्रो. राहुल डे ने मैनेजमेंट, इकोनॉमिक्स, रिसर्च आदि में अध्यात्म और भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व पर विचार रखा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button