The live ink desk. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) भारत की विकास दर में इजाफा किया है। आईएमएफ ने अपने पूर्वानुमान 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले आईएमएफ ने 2024 के लिए 6.5 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया था, जिसे संशोधित कर 6.8 प्रतिशत और अब सात प्रतिशत कर दिया है।
वर्ष 2025 के लिए IMF ने बताया कि भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। आईएमएफ (IMF) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पोस्ट में कहा, “भारत और चीन में वृद्धि 2024 में वैश्विक वृद्धि का लगभग आधा हिस्सा होने का अनुमान लगाया है।
IMF के मुताबिक “भारत में वृद्धि के पूर्वानुमान को भी इस वर्ष संशोधित कर 7.0 प्रतिशत कर दिया गया है, इसके लिए निजी खपत, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर संभावनाओं को प्रमुख वजह बताई है।
भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देश की जीडीपी में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि हुई और यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रही।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी नवीनतम मौद्रिक नीति बैठक में, चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी पूर्वानुमान को पहले के सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया।
वर्ल्ड बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी विकास पूर्वानुमान को 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया, जो जनवरी में किए गए 6.4 प्रतिशत के अपने पहले के अनुमान से अधिक है।
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा। मॉर्गन स्टेनली ने 2024 में भारत में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2024 के लिए भारत के आर्थिक विकास अनुमानों को 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था, जो मुख्य रूप से मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीले निजी उपभोग से प्रेरित है। मूडीज रेटिंग्स को भी उम्मीद है कि भारत 2024-25 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा।
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) का अनुमान है कि अगले दो वर्षों में भारत 6.6 प्रतिशत की वृद्धि करेगा। वहीं एशियाई विकास बैंक (ADB) ने वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास पूर्वानुमान को 6.7 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है।
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