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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने को तैयार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस

The live ink desk. बीते कई दिनों से छात्र आरक्षण आंदोलन की हिंसा में झुलस रहा बांग्लादेश अब अपनी अंतरिम सरकार बनाने जा रहा है। पूर्व पीएम शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। शेख हसीना के भागने के बाद से पूरे बांग्लादेश, खासकर ढाका में हिंसा की जो तस्वीरें सामने आईं, वह रूह कंपा देने वाली हैं।

खास वर्ग के उपद्रवियों ने हिंदू परिवारों को टारगेट किया। पीएम आवास में लूटपाट की। बढ़ती हिंसक घटनाओं के बीच बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने मोर्चा संभाल लिया है। उनके आह्वान पर देर रात हुई मीटिंग के बाद अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। बांग्लादेश के प्रमुख बांग्लाभाषी अखबार प्रोथोम अलो की रिपोर्ट के मुताबिक नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने को राजी हो गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक आरक्षण आंदोलन के कर्ताधर्ता में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार भोर में वीडियो संदेश जारी कर कहा, प्रोफेसर यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस मसले पर प्रोफेसर यूनुस से बात हो गई है। उन्होंने अपनी सहमति दे दी है और आंदोलनकारी छात्रों के आह्वान पर वह बांग्लादेश की जिम्मेदारी लेने को तैयार हो गए हैं।

एक अन्य अखबार ‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने घोषणा की है कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान जल्द ही स्वदेश लौटेंगे। कहा, तारिक रहमान को गलत तरीके से बांग्लादेश से निर्वासित किया गया था।

शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद मीडिया व देशवासियों के सामने आए सेना प्रमुख ने शांति की अपील की थी। इसके बाद सोमवार की देर शाम बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद को भंग करने के बाद अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की थी, इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है।

खालिदा जिया बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की मुखिया हैं। राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने देश में जारी विरोध-प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी आंदोलनकारी छात्रों को भी रिहा करने का आदेश दिया है। सोमवार को देर रात राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति भवन में बैठक की, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ राजनीतिक दलों के नेता और आम नागरिकों के अगुवा भी शामिल हुए। राष्ट्रपति भवन से इस आशय की एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है।

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