बाढ़ में एक तरफ की सड़क बही, लोक निर्माण विभाग ने हाल ही में स्लैब डालकर की थी पुल की मरम्मत
प्रयागराज (राहुल सिंह). यमुनापार के कोराव क्षेत्र में भोगन बेलन नदी पर बना पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। बाढ़ में एक तरफ का रपटा बह गया तो दूसरी तरफ लोनिवि द्वारा करवाया गया मरम्मतीकरण का कार्य भी क्षतिग्रस्त हो गया है। विकास खंड कोरांव के रत्योरा से बड़ोखर मुख्य संपर्क मार्ग के बीच भोगन गांव के पास बेलन नदी पर इस पुल (रेलिंग विहीन) का निर्माण कार्य वर्षों पूर्व कराया गया था।
हाल ही में पुल के ऊपर आरसीसी की ढलाई लोनिवि ने कराई थी, जिससे पुल के ऊपर की ऊचाई लगभग चार इंच ऊचाई बढ़ गई थी। इधर, बारिश का पानी पुल के ऊपर चढ़ने से घटिया सामग्री से ढाला गया स्लैब उखड़कर तेज बहाव में बह गया, जिससे अब पुल पर आने जाने वाले राहगीरों को खतरा बना हुआ है।
इसके साथ- साथ पुल को पार करने में काफी वक़्त भी लग रहा है, पुल के दोनों तरफ सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीँ है। इसी पुल पर आसपास बस्ती के लोग मछली भी मारते हैं, जब मछली फ़ंस जाती है, तो पीछे बिना देखे कटीली कटिया फेंक देते हैं, जिससे आने जाने वाले लोग घायल हो रहे हैं।
शिकायत के बावजूद नहीँ हो रही सुनवाई
बड़ोखर गांव के फूलचंद्र केशरी ने मुख्यमंत्री (सीएम हेल्प लाइन) पर शिकायत दर्ज कराते हुए बेलन नदी पर बने जर्जर पुल को दुरुस्त कराने की मांग उठाई, लेकिन आज तक समस्या बनी हुई है। लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीँ दे रहे। पीजी पोर्टल पर नया पुल निर्माण की मांग उठाई गई,लेकिन मौके का भौतिक निरीक्षण किए बिना ही शिकायत का निस्तारण कर दिया गया। इस पुल से भोगन, खिवली खुर्द, टुड़ियार, चिराव बड़ोखर (बसहा) मलीपुर, हरदिहा, चंदापुर, मानपुर, हंडिया, भवानीपुर समेत मध्य प्रदेश के कई गांवों के लोग नियमित आवागवन करते हैं।
2018 में डूब गई थी लोगों से भरी नाव
बता दें कि सितंबर माह, 2018 में बारिश के कारण पानी ऊपर आ गया था। बड़ोखर आने के लिए कोई रास्ता ऐसा नहीँ था। मजबूरी में नाव का सहारा लेकर दो दर्जन लोग बेलन नदी पार कर रहे थे। तेज बहाव के कारण गहरे पानी में नाव पलट गई, जिससे बड़ोखर गांव के रहने वाले कैलाश केशरी (35) की मौत हो गई थी। कड़ी मशक्कत के बाद शासन प्रशासन, एनडीआरएफ के सहयोग सें शव बरामद हो पाया था। विधायक राजमणि कोल द्वारा कहा गया था कि नया पुल का निर्माण कराया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ खास ना हो सका क्षेत्रीय लोगों की समस्याएं जस की तस बनी हुई है।
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