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बाढ़ से गहराया संकटः यमुना के पानी से घिरा मवई कला गांव, हजारों बीघा फसल जलमग्न

प्रयागराज/चित्रकूट (आलोक गुप्ता). मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बरसात और सहायक नदियों से उफनाई यमुना ने चित्रकूट जनपद के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। हजारों हेक्टेयर खेती जलमग्न हो गई है। रास्ते पानी से भर गए हैं। जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। घर से बाहर निकलने के लिए लोगों को घुटने-घुटनेभर पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। बावजूद इसके प्रशासन की तरफ से कोई भी नुमाइंदा बाढ़ से प्रभावित लोगों का दुख-दर्द जानने नहीं पहुंचा है।

चित्रकूट जनपद की तहसील मऊ की ग्राम पंचायत मवई कला में लगातार चार दिनों से चल रही भीषण बाढ ने पूरे गांव को चपेट में ले लिया है। गांव के अंदर यमुना नदी का पानी समाया हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी व सरकारी कर्मचारी सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए गांव का कर रहे हैं।

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ग्रामीणों ने आरोपित किया कि उनको रोजमर्रा की जरूरतों के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पशुओं केलिए चारे का संकट खड़ा हो गया है। और जिला प्रशासन का कारिंदे वीडियोग्राफी में मस्त हैं। किसे क्या दिक्कत है, वह कैसे दूर होगी, बीमार को इलाज कैसे मिलेगा? यह देखने, जानने वाला कोई सामने नहीं आ रहा है।

गांव के लालताप्रसाद समेत अन्य ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बाढ पीड़ितों की मदद के लिए सरकार जो भी राहत सामग्री भेज रही है, वह प्रभावितों तक नहीं पहुंच रहा है। बल्कि अधिकारी, कर्मचारी, नेताओं और दलालों- की जेब में जा रहा है। लालता प्रसाद ने बताया कि हजारों बीघा खेती जलमग्न हो गई है।

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भीषण बाढ के बीच लोग अंधेरे में भोजन बनाने खाने को मजबूर हैं। आधा पेट भोजन करके किसी प्रकार दिन काट रहे हैं। स्थानीय विधायक का दौरा भी हवाहवाई साबित हो रहा है। गरीब परिवारों को भीषण बाढ के चलते उनके खाने- पीने रहने के लिए व्यवस्था की खबरें जरूर आ रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अब ग्रामीण यहां से पलायन को मजबूर हो रहे हैं।

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