सदाबहार अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहब फाल्के अवार्ड
नई दिल्ली (the live ink desk). मशहूर फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख को फिल्मों के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के अवार्ड के लिए चुना गया है। आशा पारेख अब फिल्मों में काम नहीं करती हैं। सिनेमा जगत में आशा पारेख ने बाल कलाकार से अभिनय की शुरुआत की थी। हिंदी सिनेमा में आशा पारेख 1952 से लेकर 1995 तक बतौर अभिनेत्री सक्रिय रहीं। करीब 80 साल की आशा पारेख ने शादी नहीं की है।
आशा पारेख को यह पुरस्कार 68वें फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया जाएगा। यह समारोह 30 सितंबर को आयोजित किया जाएगा, इसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि आशा पारेख को यह पुरस्कार 68वें समारोह में दिया जाएगा। यह समारोह विज्ञान भवन में आयोजित होगा।
यह भी पढ़ेंः अब घर बैठे देखें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, आज से शुरू हुई लाइव स्ट्रीमिंग
साल 1992 में भारत सरकार ने आशा पारेख को पद्यश्री पुरस्कार से नवाजा था। गौरतलब है कि दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। हर साल यह पुरस्कार राष्ट्रीय फिल्म समारोह में दिया जाता है। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में स्वर्ण कमल मेडल, शाल और 1000000 रुपये (दस लाख रुपये) दिए जाते हैं।
अपने सफल फिल्मी करियर में आशा पारेख ने सभी बड़े फिल्मी अभिनेताओं के साथ काम किया, जिसमें देव आनंद, राजेश खन्ना, शशि कपूर, जितेंद्र, मनोज कुमार आदि का नाम शामिल हैं। हालांकि आशा पारेख ने एक साक्षात्कार में कहा था कि दिलीप कुमार के साथ काम नहीं कर पाने का उन्हे अफसोस है। पहला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था, उन्हें भारतीय सिनेमा की पहली महिला अभिनेत्री कहा जाता है।