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भट्ठी की मानिंद तप रही विंध्य की तलहटीः दो दिन के बाद राहत की उम्मीद

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, एसी और चार पहिया गाड़ियों की भरमार और कंक्रीट के जंगल भी गर्मी के लिए जिम्मेदार

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). गर्मी चरम पर है। विंध्य की तलहटी और दो नदियों (गंगा-यमुना) के तीरे आबाद हमारा प्रयागराज भी आग की भट्ठी की तरह तप रहा है। अब से लगभग 15 दिन पहले जैसे ही गर्मी ने अपना असर दिखना शुरू किया, जीव-जंतुओं के साथ-साथ वनस्पतियों पर ही इसका असर दिखने लगा।

चटख रंग में और अपने आकार में खिलने वाले फूल छोटे होने लगे। पीला रंग उड़कर सफेद होने लगा। गुड़हड़ के फूल तो आकार में आधे से भी कम हो गए। छोटे आकार वाला सफेद कनेर का फूल तो पकड़ में नहीं आ रहा। उसे तोड़ने के लिए दोनों हाथ लगाना पड़ रहा है।

इस बेरहम गर्मी से पेड़-पौधे भी उदास दिख रहे हैं। पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार रहने वाली बगिया भी शांत है। सुबह के नौ बजते ही सड़कों पर सन्नाटा पसरना शुरू हो जाता है। तो दूसरी तरफ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में (यमुनापार) पेयजल का संकट महीनों से बना हुआ है। नगर पंचायत शंकरगढ़ में टैंकर ही एकमात्र सहारा है। पत्थरों से आग निकल रही है। मंगलवार को शाम से पहले जब यहां का तापमान 48 डिग्री के ऊपर पहुंचा तो लगा तन-बदन में आग लग गई है।

इस तरह का माहौल अगले दो दिन तक और बने रहने के संकेत हैं। दो दिन के बाद से कुछ राहत की उम्मीद जताई जा रही है। मौसम के जानकार इसे नौतपा का असर बता रहे हैं। मंगलवार को गर्मी का असर यह रहा कि सड़क पर निकले लोग उबल पड़े। बुधवार को भी कमोवेश वैसी ही स्थिति दिख रही है। हालांकि आज हवा की रफ्तार धीमी होने के कारण कल की तरह की परेशानी नहीं हो रही है।

वातावरण उसी तरह तप रहा है, जैसे मंगलवार को तप रहा था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. शैलेंद्र राय ने बताया कि अचानक से तापमान आए उछाल का सबसे बड़ा कारण ग्लोबल वार्मिंग है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर अंधाधुंध पेड़ों की कटाई, घरों में एसी और चार पहिया गाड़ियों की बढ़ती संख्या भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है।

प्रो. राय ने बताया कि प्रयागराज जनपद का अधिकतम तापमान 44-45 के आसपास ही रहता है। हालांकि, यह भी सामान्य अधिक है, लेकिन इससे अधिक तापमान चला जाए तो असामान्य स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जैसे कि 28 मई को देखने को मिला।

28 मई की गर्मी का आलम यह रहा कि शंकरगढ़ क्षेत्र में ही दो लोगों की मौत लू लगने से हो गई। बीते दस सालों के तापमान पर नजर डालें तो मई के अंतिम सप्ताह में इतना तापमान कभी नहीं गया।

गंगा और यमुना जैसी विशाल दो नदियों के किनारे बसे प्रयागराज में गर्मी का कुछ कारण नदियों की रेत भी है, जो बहुत तेजी से गर्म हो जाती है और इसका असर स्थानीय तापमान पर पड़ता है।

आईएमडी ने इन जिलों के जारी की चेतावनी

आईएमडी ने अगले पांच दिनों का पूर्वानुमान जारी किया है। इसमें उत्तर प्रदेश का कानपुर, फतेहपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, हमीरपुर, आगरा, अलीगढ़, औरैया, लखनऊ, हरदोई, गोरखपुर, बलिया, सुल्तानपुर, मेरठ, बस्ती और इटावा में सामान्य से अधिक तापमान रहेगा। इसके अलावा आज यानी 29 मई के लिए मथुरा, आगरा, औरैया, इटावा, जालौन, झांसी, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर के लिए लू का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

झांसी में दर्ज हुआ सर्वाधिक तापमान

उत्तर प्रदेश में मंगलवार को लू की चपेट में आने से 25 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस सीजन में झांसी उत्तर प्रदेश का सबसे गर्म जिला रहा। बीते कुछ दिनोंसे बुंदेलखंड के रीजन वाला यह जिला सामान्य से अधिक गर्मी से तप रहा है। मंगलवार को झांसी का तापमान 49 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा लू से सबसे अधिक मौतें कानपुर में हुई हैं। बुधवार को भी मंगलवार की ही तरह तापमान रहने की संभावना है। पर, मंगलवार की अपेक्षा प्रयागराज व आसपास के जिलों में एक दो-डिग्री की कमी देखने को मिलेगी।

ट्रांसफार्मर को ठंडा करने के लिए लगा कूलरः गर्मी कीवजह से बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। गर्मी में लगातार चलने और ओवरलोड होने के कारण ट्रांसफार्मर भी गर्म हो जा रहे हैं। कल्याणी देवी उपकेंद्र में ट्रांसफार्मर को ठंडा रखने के लिए कूलर लगवाया गया है। एसडीओ आरके पाल के निर्देश पर कल्याणी देवी  पावर हाउस में लगे 10 एमवीए के ट्रांसफार्मर को कूलर के माध्यम से ठंडा किया जा रहा है।

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