समूह से लिया गया कर्ज नहीं चुका पाने पर एजेंट द्वारा डाला जा रहा था दबाव, पति के मानसिक रूप से बीमार होने के कारण पत्नी ही संभाल रही थी घर का खर्च
भदोही (संजय मिश्र). कोइरौना थाना क्षेत्र के गंगा किनारे पर बसे गांव अरई की रविवार की सुबह काफी दर्दनाक रही। मामला है एक गरीब ब्राह्मण परिवार की सामूहिक आत्महत्या का है। गरीबी में जीवन यापन कर रहे परिवार की महिला ने बेटे-बेटी को जहर खिलाकर खुद भी जहर खा लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह तकरीबन पांच बजे सुमन तिवारी (45) पत्नी सुनील तिवारी ने अपनी 22 वर्षीय बेटी कोमल और मानसिक रूप से अस्वस्थ 15 वर्षीय बेटे गोलू को जहर खिलाकर आत्महत्या कर ली। जहरीला पदार्थ खाने से सुमन और कोमल की घर पर ही मौत हो गई। जबकि उल्टी और दर्द से कराह रहे गोलू का इलाज ज्ञानपुर जिला चिकित्सालय में कराया जा रहा है।
बताया जाता है कि सुमन तिवारी का पति सुनील की भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह कोई काम-धंधा नहीं करता। इधर-उधर घूमता रहता है। पति के बेकार होने से पूरे घर और दो बच्चों की जिम्मेदारी सुमन तिवारी के ऊपर थी। पति का भी ध्यान सुमन ही रखती थी। घर का खर्च चलाने और पेट पालने के लिए आय का कोई अन्य स्रोत नहीं होने के कारण सुमन तिवारी ने क्षेत्र में चल रहे कई समूहों से रूपया किश्त पर लिया था, लेकिन समय पर किश्त जमा नहीं होने के कारण एजेंट द्वारा दबाव बनाया जाता था, जिसके कारण सुमन मानसिक रूप से तनाव में रहने लगी थी।
कुछ महीने पहले सुमन का बड़ा लड़का युवराज तिवारी भी घर की स्थिति सुधारने के लिए बाहर नौकरी करने गया था, वह भी दो दिन पहले घर आ गया था। परिजनों ने बताया कि सुनील तिवारी और युवराज तिवारी सुबह जल्दी ही उठकर गंगा किनारे की ओर नित्यकर्म के लिए गए थे और इसी बीच सुमन ने स्वयं और दोनों बच्चों को जहर खिला दिया।
गोलू के चीखने पर हुई जानकारी
सुबह छह बजे के आसपास गोलू दर्द से चीखने-चिल्लाने लगा, तब जहर खाने की जानकारी घर में हो पाई। हालांकि, तब तक अनर्थ हो चुका था। सूचना पर सीओ ज्ञानपुर प्रभात राय, कोइरौना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार फारेंसिक टीम के साथ अरई पहुंचे, जहां पर सुमन और कोमल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
काफी तनाव में थी सुमन तिवारी
थाना प्रभारी निरीक्षक कोइरौना मनोज कुमार ने बताया की आत्महत्या के कारण की जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। वहीं इस विषय में मृतका के पुत्र युवराज ने बताया कि दादी से मां की कहासुनी हुई थी। मां पहले से डिप्रेशन में थी। गांव के समाजसेवी राजू सिंह ने जिला प्रशासन से मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
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