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यूपी बोर्ड एग्जाम 2023: हाईस्कूल में 89.78 और इंटर में 75.52 प्रतिशत छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण

हाईस्कूल में 86.64 फीसद बालक, 93.34 बालिकाओं को मिली सफलता, इंटर में 69.34 प्रतिशत बालक और 83.00 फीसद बालिकाएं हुईं पास

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा-2023 का परिणाम (UP Board Exam 2023) आज घोषित किया गया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा महेंद्र देव एवं बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने मुख्यालय पर परिणाम की घोषणा की। सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि हाईस्कूल में कुल 89.78 प्रतिशत और इंटर में 75.52 प्रतिशत छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं।

बोर्ड सचिव ने बताया कि हाईस्कूल में उत्तीर्ण बालक एवं बालिकाओं का प्रतिशत क्रमशः 86.64 और 93.34 है। वहीं इंटर की परीक्षा में 69.34 बालक और 83 प्रतिशत बालिकाएं उत्तीर्ण हुईं हैं। इस बार के परीक्षा परिणाम में भी बालिकाएं आगे रही हैं। परीक्षा में शामिल बालक-बालिकाओं की संख्या के अनुपात से इतर भी बालिकाओं ने बालकों को पछाड़ते हुए अपनी प्रतिभा का परचम बुलंद किया है और बोर्ड परीक्षा में बेहतर रिजल्ट हासिल करते हुए टॉप सूची में भी अपना नाम दर्ज कराया।

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सीतापुर जिले की प्रियांशी सोनी ने हाईस्कूल की परीक्षा में टॉप किया है। 98.33 प्रतिशत अंक के साथ उसने प्रदेश में बेटियों का नाम रोशन किया है। जबकि कानपुर देहात के कुशाग्र ने 97.83 प्रतिशत अंक लाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसी तरह अयोध्या की मिसखत नूर को भी प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है। मथुरा के कृष्णा झा और पीलीभीत के अर्पित गंगवार ने 97.67 प्रतिशत अंक के साथ संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया है। वहीं 12वीं की परीक्षा में महोबा के शुभ चपरा ने टॉप किया है। शुभ को 97.80 प्रतिशत अंक मिले हैं।

निदेशक ने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 16 फरवरी से कुल 8373 परीक्षा केंद्रों पर शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 58,85,745 परीक्षार्थियों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था, जिसमें हाईस्कूल के 31,16,487 छात्र और 12वीं के 27,69,258 छात्र शामिल थे। परीक्षा के दौरान 4,31,571 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा छोड़ दी थी, जिसमें कक्षा 10 के 2,08,953 छात्र और 12वीं के 2,22,618 छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे।

हाईस्कूल की परीक्षा तीन मार्च और इंटरमीडिएट की चार मार्च को खत्म हुई, इसके बाद 18 मार्च से 258 केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू हुआ। कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन एक अप्रैल तक कराया जाना था, लेकिन परीक्षकों को प्रशिक्षण दिए जाने के करण यह मूल्यांकन 31 मार्च को ही पूरा हो गया। इसके लिए 1,43,933 परीक्षक लगाए गए थे।

बोर्ड के सचिव ने बताया कि इस बार यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा बिना पुनर्परीक्षा कराए संपन्न करवाकर तीन दशक का रिकार्ड ब्रेक किया है। हाईस्कूल की परीक्षा में पहली बार प्रत्येक विषय में 20 अंक की परीक्षा ओएमआर शीट पर कराई गई है। इस शीट का मूल्यांकन यूपी बोर्ड ने परीक्षा के दौरान ही शुरू करा दिया था।

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