भारत और चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगीः Vladimir Putin
नई दिल्ली (the live ink desk). रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा है कि भारत और चीन (India and China) उसके सबसे करीबी सहयोगी और साझीदार (close associates and partners) हैं। पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि एशिया के बड़े देशों ने हर समय इस बात पर जोर दिया है कि यूक्रेन के साथ बातचीत के जरिए ही इस मामले का समाधान निकाला जाए।
माना जा रहा है कि राष्ट्रपति पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बीते एक महीने पहले ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने SCO Summit के दौरान रूसी राष्ट्रपति से कहा था कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) यानी SCO समिट में ही मुलाकात के दौरान कही थी।
Read Also: America: तुम चोर हो, झूठे हो, जैसे शब्दों से हुआ पाक वित्त मंत्री Ishaq Dar का स्वागत
उल्लेखनीय है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कजाकिस्तान (Kazakhstan) में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भारत और चीन के संबंधों का जिक्र किया। Vladimir Putin यहां पहले रूस मध्य एशिया सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। इस सम्मेलन में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान एवं उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शामिल हुए हैं। इस समिट में अलग-अलग विषयों, क्षेत्रों को लेकर और सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चाएं हुईं।
Read Also: North Carolina में फायरिंग, पुलिस अधिकारी समेत छह लोगों की मौत
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ताश (toss) के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन ने इस प्रेस कांफ्रेंस में चीन और भारत का जिक्र करते हुए कहा, इन दोनों देशों ने हर वक्त रूस के लिए सकारात्मक और सहयोगात्मक सुझाव दिए हैं और बातचीत के जरिए ही इस लड़ाई (Russia-Ukraine War) को सुलझाया जाए, जिससे संघर्ष की स्थिति ना उपजे। पुतिन ने कहा, हम उनका महत्व जानते हैं। वह हमारे करीबी सहयोगी और साझीदार हैं और इस बात के लिए हम चीन और भारत का सम्मान करते हैं।
मालूम हो कि भारत ने फरवरी 2022 में शुरू हुए Russia-Ukraine War की अब तक आधिकारिक तौर पर निंदा नहीं की है। भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि इस मुद्दे का समाधान कूटनीति और राजनीति के द्वारा बातचीत करके सुलझाया जाए।