सऊदी अरब ने American Citizen अलमादी को सुनाई 16 साल की सजा
नई दिल्ली (the live ink desk). खाड़ी देश सऊदी अरब (gulf countries saudi arabia) की अदालत ने अमेरिका (America) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) की दोहरी नागरिकता रखने वाले अमेरिकी युवक साद इब्राहिम अलमादी (Saad Ibrahim Almadi) को उनके ट्वीट के लिए 16 साल की जेल की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि साद इब्राहिम (Saad Ibrahim) के बेटे ने अरबी मीडिया को इसकी जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका और सऊदी अरब की दोहरी नागरिकता रखने वाले अमेरिकी नागरिक साद इब्राहिम अलमादी को बीते साल के नवंबर महीने में सऊदी अरब की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जब वह फ्लोरिडा (अमेरिका) से अपने परिवार से मिलने के लिए सऊदी अरब की राजधानी रियाद आया था। साद इब्राहिम के बेटे ने इसको लेकर पहली बार मीडिया से बात की है। जबकि उनको ऐसा ना करने के लिए अमेरिका ने सलाह दी थी।
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साद इब्राहिम अलमादी के बेटे इब्राहिम ने कहा कि वह अपने पिता को जेल में मरते हुए नहीं देखना चाहते। इब्राहिम ने यह भी दावा किया कि जब से उनके पिता की गिरफ्तारी हुई है, उसके बाद से ही लगातार उनके पिता को सऊदी अरब के अधिकारियों और प्रशासन द्वारा प्रताड़ित और अपमानित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब की अदालत ने देश को अस्थिर करने की कोशिश, आतंकवाद को पोषित और समर्थन करने जैसे और आरोपों में अलमादी को 16 साल की सजा सुनाई है।
साद इब्राहिम अलमादी के बेटे इब्राहिम के अनुसार इन आरोपों को सही ठहराने के लिए अदालत में सिर्फ उनके पिता द्वारा किए गए 14 ट्वीट को ही सबूत के तौर पर पेश किया गया। सूत्रों के अनुसार यह ट्वीट जद्दा और मक्का में पुरानी ढांचे को गिराने, गरीबी पर चिंता जाहिर करने और सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खसोद्जी (Journalist Jamal Khasodji) की हत्या से जुड़े हुए ट्वीट थे।
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इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अलमादी को 42 साल कैद की सजा दिए जाने की मांग की गई थी। इब्राहिम अपने पिता की गिरफ्तारी के बाद से ही उनसे बातचीत नहीं कर पाए हैं। हालांकि परिवार के अन्य सदस्य उनके पिता से मिले हैं और बताया है कि वह ठीक हैं, लेकिन इब्राहिम का कहना है कि उन्हें इन बातों पर शक है। इब्राहिम ने अपने पिता के केस में अमेरिका की ओर से ध्यान न दिए जाने को लेकर अमेरिका की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारी उनके पिता से केवल एक बार ही मिले हैं। पहली बार उनके जेल जाने के 6 महीने बाद कोई अमेरिकी अधिकारी उनसे मिला था। इब्राहिम ने इस मामले में अमेरिका के राष्ट्रपति निवास व्हाइट हाउस से संपर्क न हो पाने का भी जिक्र किया।
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कहा जा रहा है कि सऊदी अरब की अरबी सेवा से उन्होंने बीते जुलाई महीने में ही एक बार गुप्त रूप से बात की थी। उसी जुलाई महीने में ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सऊदी अरब की अपनी आधिकारिक यात्रा पर थे। उन्होंने बातचीत करते हुए अरबी मीडिया से कहा था कि अमेरिका का दोहरा रवैया उन्हें तकलीफ दे रहा है। अलमादी के बेटे इब्राहिम ने कहा कि अगर रूस या इरान में किसी नागरिक को हिरासत में लिया गया होता तो अमेरिका तत्काल ही हरकत में आता, लेकिन अगर आपको सऊदी अरब में जेल की सजा हुई है तो यहां तेल का एक बैरल आपसे ज्यादा कीमती है।
जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में सऊदी अरब और अमेरिका के बीच में संबंधों में बीते कुछ समय से काफी तल्खी देखने को मिली है। सऊदी अरब का रूस के प्रति झुकाव भी इसका अहम कारण है। इन सबके बीच अमेरिका भी सऊदी अरब से नाराज चल रहा है।