इस देश में 3.86 लाख रियाल हो गई एक अमेरिकी डालर की कीमत
नई दिल्ली (the live ink desk). बीते कुछ दिन से ईरान की मुद्रा में अच्छी-खासी गिरावट दर्ज की गई है। इसके लिए ईरानी केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कुछ हद तक देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को एक कारण बताया है। बता दें कि ईरानी मुद्रा, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर आ गई है। विदेशी मुद्रा साइट बोनबासट के अनुसार बाजार में एक अमेरिकी डॉलर 3,95000 रियाल तक में बिक चुका है। मालूम हो कि इससे पहले यह बीते शुक्रवार को एक अमेरिकी डॉलर 3.86 लाख पर चल रहा था। इस कारण लोग अपनी बचत को सुरक्षित रखने के लिए सोना और डॉलर खरीदने की कोशिश कर रहे हैं।
ईरानी केंद्रीय बैंक के गवर्नर अली सालेहाबादी ने कहा है कि अमेरिका के ईरान के ऊपर प्रतिबंध लगाने के कारण बीते 3 महीनों से और कुछ हालिया घटनाओं के कारण ईरानी मुद्रा कमजोर हुई है। फिलहाल इसके कारण ईरानी मुद्रा रियाल को बाजार में उठाने के लिए अमेरिकी डॉलर लाया जा रहा है।
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फिलहाल ईरान में मुद्रा गिरने का यही एकमात्र कारण नहीं है। कई जानकार सितंबर महीने में पुलिस हिरासत में हुई महसा अमीनी की मौत को भी कारण मानकर चल रहे हैं, जो हिजाब को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। जानकारों का कहना है कि ईरान में रियाल का सबसे निचले स्तर पर जाने का एक कारण वहां पर हो रहा जबरदस्त विरोध प्रदर्शन है।
सितंबर महीने से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन, जिसके कारण तब से लेकर अब तक ईरानी मुद्रा रियाल में 20% से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान में इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जिसमें 70 से ज्यादा नाबालिग हैं, इसके अतिरिक्त 65 सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई है।
सरकार विरोधी इन प्रदर्शनों में करीब 20,000 से ज्यादा लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। मई 2018 में अमेरिका द्वारा परमाणु समझौते से बाहर आने का फैसला करना और ईरान पर फिर से प्रतिबंधों को लगाना, एक अहम कारण के रूप में सामने आ रहा है। फिलहाल इसका असर ईरानी अर्थव्यवस्था के ऊपर पड़ रहा है और अर्थव्यवस्था में गिरावट का दौर शुरू हो गया है।