पूर्वांचल

पानी में बह गया सुरियावां का ‘विकास’: पानी में तैरते मिले घरेलू सामान

चंद घंटे की बरसात में पानी-पानी हुआ सुरियावां, दालमंडी में व्यापारियों को हजारों का नुकसान

जलनिकासी का इंतजाम न होने से कई मोहल्लों में घुटनेभर लगा पानी, दलित बस्ती में स्थिति नारकीय

भदोही (राजकुमार सरोज). चुनावी माहौल में ‘सरकारी विकास’ की हकीकत देखनी हो तो नगर पंचायत सुरियावां (Suriyawan) की दाल मंडी, संजयनगर, इंदिरानगर और मलेपुर की दलितबस्ती का दौरा कर लीजिए। तबीयत बिगड़ जाएगी। यहां, तबीयत का मतलब बीमार होना नहीं है, पर नजारा देख आप कुंठित जरूर हो जाएंगे। बुधवार की रात दूसरे पहर हुई चंद घंटे की बरसात में कई मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं। वार्ड चार और सात को अलग करने वाली सड़क पूरी तरह से पानी से लबालब (Water logging) है। नाली का गंदा पानी घरों और दुकानों में घुस गया है।

Nagar Panchayat Suriawan में सर्वाधिक नुकसान यहां स्थित दालमंडी के कारोबारियों को हुआ है। गंदा पानी उनकी दुकानों में घुस गया और नीचे रखा सामान भीगकर खराब हो गया। मौसम का हाल पिछले दो-चार दिनों से गड़बड़ चल रहा है। बुधवार की शाम आसमान में बादल थे, लेकिन रात गहराने केसाथ-साथ आसमान में तारे टिमटिमाने लगे थे। ऐसा लगा था कि आज की सुबह खुशनुमा होगी, लेकिन नगर पंचायत सुरियावां वासियों को आज जो झेलना पड़ा, उसकी उम्मीद उन्होंने नहीं की थी।

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रात तकरीबन ढाई बजे के बाद Nagar Panchayat Suriawan क्षेत्र में जोरदार बरसात हुई और जलनिकासी (Water evacuation) का पर्याप्त सिस्टम न होने के कारण कस्बे के कई मोहल्लों में जलभराव हो गया। नालियों का गंदा पानी निचले स्तर पर स्थित मकानों और दुकानों में घुस गया। सुबह के वक्त जब लोगों की नींद खुली और लोगों ने कदम जमीं पर रखा तो हर तरफ पानी ही पानी नजर आया। जैसे-तैसे लोग घरों से बाहर आए तो बाहर के हालात और भी बिगड़े हुए थे। घर के अंदर लोटा, कटोरी, मग इत्यादि पानी में तैर रहे थे। जिन लोगों ने इस समस्या से बचाव के लिए अपने घऱ के सामने की चौखट को ऊंचा करवा लिया था, उनके घरों में नाली के रास्ते पानी अंदर घुस गया।

इसके बाद जैसे-तैसे लोगों ने मन मसोस कर जलनिकासी के लिए प्रयास शुरू किया। घरों की साफ-सफाई शुरू की। दाल मंडी के व्यापारी और स्थानीय निवासी राजेंद्र मौर्य, पन्ना उमर, पप्पू कौशल, पवन जायसवाल का कहना है कि जलनिकासी की समस्या न होने के कारण उन लोगों को बरसात होने पर इसी तरह की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। इस समस्या के स्थायी निदान के लिए वह लोग सालों से परेशान हैं। दर्जनों शिकायतें की गईं, लेकिन जिम्मेदारों के सिर पर अभी तक जूं नहीं रेंगी।

आज भी, जलभराव के बाद लोगों ने खुद ही प्रयास करके साफ-सफाई शुरू की, लेकिन सड़क के पानीमुक्त (Water evacuation) होने तक लोगों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। बीती रात हुई बरसात और उसके बाद जलभराव (Water logging) के बाद से लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित रही। स्कूल जाने वाले बच्चों, दफ्तर जाने लोगों को कीचड़युक्त पानी से होकर गुजरना पड़ा। स्थानीय निवासी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

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