चुनावी माहौल में बेमौसम बरसात ने प्रत्याशियों की कराई छीछालेदरः मतदाताओं के सामने नहीं सूझा जवाब
भदोही (राजकुमार सरोज). चुनावी माहौल में बीती रात हुई बरसात ने प्रत्याशियों की अच्छी-खासी फजीहत करा दी है। सुबह-सुबह जनसंपर्क पर निकले अध्यक्ष व सभासद के प्रत्याशियों को तनिक भी आभास नहीं था कि आज की सुबह उन्हे यह सब भी देखना पड़ेगा। जलभराव (Water logging), कीचड़ की समस्या से जूझ रहे मतदाताओं के सामने जो भी प्रत्याशी पड़ा, उससे लोगों के रोष का शिकार होना पड़ा। अब, यह बात दीगर है कि इस चुनाव में कई नये चेहरे भी शामिल हैं, जिनका नगर पंचायत सुरियावां (Nagar Panchayat Suriawan) में अब तक करवाए गए विकास कार्यों से कोई वास्ता नहीं है।
जलनिकासी (Water evacuation) की समस्या हर क्षेत्र में लाइलाज बीमारी जैसी है। पर, धीरे-धीरे इसका निराकरण करा लिया जाता है। नगर पंचायत सुरियावां में बीते दो दशक से एक ही खेमे के लोगों का चेयरमैन की कुर्सी पर कब्जा रहा है। लगातार 20 साल तक चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज रहने वालों ने कस्बे की बुनियादी, जलनिकासी की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं किया। यहां पर जलनिकासी (Water evacuation) की समस्या कोई नहीं है। हर बार, बरसात में लोगों की इस तरह की समस्या से दो-चार होना पड़ता है, बावजूद इसके जिम्मेदारों को कान पर जूं तक नहीं रेंगती।
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वैसे, इस समस्या के लिए जितना जिम्मेदार यहां का नगर पंचायत प्रशासन (Nagar Panchayat Suriawan) होगा, उतना ही जिम्मेदार यहां के लोग भी हैं। लगातार बीस से की जा रही एक ही गलती का खामियाजा उन्हे आज तक भुगतना पड़ रहा है। सुरियावां कस्बे के वार्ड संख्या चार संजय नगर और वार्ड संख्या सात इंदिरानगर के साथ दालमंडी में जलभराव (Water logging) से स्थानीय लोगों की स्थिति बद से बद्तर हो गई है। मलेपुर की दलित बस्ती में इतना कीचड़ है कि सही सलामत बाहर जा पाना और लौट पाना मुश्किल हो रहा है।
गुरुवार को सुबह चुनाव प्रचार पर निकले प्रत्याशियों को लोगों की खरी-खोटी सुननी पड़ी। लोगों के सवालों का जवाब नहीं दे पाने पर ज्यादातर प्रत्याशी इस चुनावी माहौल में निरुत्तर रहे और आरोप-प्रत्यारोप से बचते दिखे। कस्बानिवासी सुरेश मोदनवाल, मानिकचंद्र भोजवाल, पप्पू, मंगर अंसारी, बबलू मोदनवाल, सजन, पप्पू कौशल, पन्ना उमर, बुद्धू हलवाई, सुरेश जायसवाल, घनश्याम जायसवाल आदि ने नासूर बन चुकी जलनिकासी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि सुरियावां के विकास के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिए गए। और, हम लोगों को जो मिला है, वह आप सभी के सामने है।
किशोरी जायसवाल और संतोष ने कहा कि कमीशनखोरी के चलते कोई भी विकास कार्य अंजाम तक नहीं पहुंच पाता, इस वजह से समस्या जस की तस बनी रह जाती है और इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।