आतंकवाद के जड़ से खत्म होने तक हम रुकने वाले नहीः नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली (the live ink desk). भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ पैसों के लेनदेन, फंडिंग के खिलाफ ‘नो मनी फार टेरर’ (no money for terror) नामक अंतरराष्ट्रीय मंत्री स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। आतंकवादी फंडिंग के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के तहत यह तीसरा सम्मेलन है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत पर हुए आतंकवादी हमले, दुनिया के सामने चुनौती और आतंकवाद से निपटने के तौर-तरीकों पर बात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि no money for terror सम्मेलन भारत में हो रहा है। जब विश्व ने आतंकवाद को गंभीरता से लेना शुरू किया है, उससे पहले से भारत ने आतंकवाद की भयावहता झेली है। पीएम मोदी ने कहा कि दशकों के दौरान आतंकवादियों ने अलग-अलग नामों और रूपों में भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। हमने हजारों कीमती जीवन खोए। हम लोगों ने आतंकवाद का मुकाबला पूरे साहस के साथ किया है।
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मोदी ने कहा, हमारा मानना है कि एक हमला भी बहुत ज्यादा है। यहां तक की एक जिंदगी का जाना भी बहुत बड़ी बात है। हम जब तक आतंकवाद को जड़ से उखाड़ नहीं देते, तब तक हम रुकने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने इस दौरान परोक्ष तौर पर यह बात भी उठाई की सभी आतंकी हमलों को लेकर सभी देशों की प्रतिक्रिया एक जैसी नहीं होती है।
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इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद का खासतौर से गरीब आदमियों पर और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक बहुत बुरा असर पड़ता है। वैसे तो विश्व को आतंकवाद के खतरे याद दिलाने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी कुछ हलकों में आतंकवाद को लेकर गलत सोच और धारणाएं हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग हमलों को लेकर प्रतिक्रिया की गंभीरता इस बात पर निर्भर नहीं हो सकती कि आतंकवादी हमला किस जगह पर हुआ है। सभी आतंकवादी हमलों का बराबर विरोध और उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिर्फ एक समान एकीकृत और जीरो टॉलरेंस का नजरिया आतंकवाद को मात दे सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आतंकवादियों के पीछे लगे रहना चाहिए। उनके सहयोगी नेटवर्क को तोड़ना और आर्थिक स्रोतों पर हमला करना चाहिए। हम जानते हैं कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से पैसा मिलता है। एक श्रोत किसी देश से मिलने वाली मदद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तौर पर आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वह, उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहयोग प्रदान करते हैं। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में संगठित अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई बेहद जरूरी और महत्वपूर्ण है
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम अतिवाद और कट्टरता की समस्या के खिलाफ एकजुट हों, जो भी कट्टरता का समर्थन करता है, उसके लिए देश में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि आतंकवादी फंडिंग के खिलाफ यह तीसरा सम्मेलन है और इस सम्मेलन में दुनिया के कई देशों ने हिस्सा लिया है। हालांकि इस सम्मेलन में अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने हिस्सा नहीं लिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत पर हुए आतंकवादी हमले, दुनिया के सामने चुनौती और आतंकवाद से निपटने के तौर-तरीकों पर बात की।