China के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव से Bharat ने बनाई दूरी
नई दिल्ली (the live ink desk). स्विट्जरलैंड के जिनेवा (Geneva of Switzerland) में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (united nations human rights council) में वीगर (उइगर) मुसलमानों (Uighur Muslims) की स्थिति को लेकर लाए गए प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग से भारत नदारद रहा। मालूम हो कि चीन के शिनजियांग प्रांत (Xinjiang Province of China) में वीगर मुसलमान बहुतायत आबादी में रहते हैं। दुनियाभर के देश और मीडिया का कहना है कि चीन वीगर मुसलमानों पर बड़ी क्रूरता के साथ अत्याचार और जुल्म करता है और उन पर हर प्रकार की पाबंदी लागू है। चाहे वह धार्मिक, आर्थिक या फिर राजनीतिक और सामाजिक, बड़ी क्रूरता के साथ चीन में उइगर (वीगर) मुसलमानों का दमन और शोषण किया जा रहा है।
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चीन के शिनजियांग इलाके में मानवाधिकार उल्लंघन पर बहस के लिए अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन सहित कई दोस्त देशों ने गुरुवार को यह मसौदा प्रस्ताव पेश किया था। भारत ने इस प्रस्ताव से अनुपस्थित रहने का कोई कारण नहीं बताया है। संयुक्त राष्ट्र जिनेवा के ट्वीट में बताया गया है चीन के स्वायत्त क्षेत्र शिंजियांग हैज वीगर में मानवाधिकार की स्थिति पर चर्चा के लिए मसौदा प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से खारिज हो गया है। चीन के खिलाफ लाए गए इस प्रस्ताव में 47 सदस्य देशों में से 17 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया एवं चीन समेत 19 देशों ने विपक्ष में वोट किया।
भारत, मलेशिया, यूक्रेन सहित 11 सदस्य देशों ने इस मतदान से अपने को अलग रखा। इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने वालों में फ्रांस, जर्मनी, जापान, अमेरिका और नीदरलैंड ने इसका समर्थन किया है। मालूम हो कि अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देश चीन पर उइगर (वीगर) मुसलमानों के मामले में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाते रहे हैं। चीन वीगर मुसलमानों को अपने यहां डिटेंशन कैंपों में रखता है और हर तरह की अमानवीयता, अत्याचार उनके साथ करता करता रहा है, हालांकि इन सभी आरोपों से चीन हमेशा से इनकार करता आया है।