जमीन की नाप के बहाने अधेड़ को बुलाया, धारदार हथियार से हमला कर किया कत्ल
हत्या की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक समेत घटनास्थल पर पहुंची भारी पुलिस फोर्स
कौशांबी (the live ink desk). जमीन की नाप करवानेके बहाने खेत पर बुलाकर एक अधेड़ का कत्ल कर दिया गया। धारदार हथियार से कत्ल की जानकारी होते ही हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही मुकामी पुलिस के साथ उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच गए। एसपी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। एसपी ने बताया कि दो पक्षों में जमीनी विवाद को लेकर मारपीट हुई, जिसमें एक घायल की मौत हो गई। हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें रवाना की गई हैं।
हत्या का यह सनसनीखेज मामला कोखराज थाना क्षेत्र के नौढिया गांव का है। नौढिया निवासी बुजुर्ग विधवा लाखिया पत्नी स्व. दूधनाथ के कोई संतान नहीं हैं। संतान नहीं होने के कारण उसकी नौ बीघा भूमि पर उसके परिवार के ही सदस्यों ने कब्जा कर रखा है। भूमि कब्जा किए जाने से परेशान लखिया ने अपनी आधी जमीन साढ़े चार बीघा सैनी कोतवाली क्षेत्र के रूपनारायणपुर, गोरियो गांव निवासी मुन्ना लाल पुत्र शंकरलाल के हाथ बेच दी थी।
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भूमि खरीदने के बाद मुन्नालाल ने जमीन पर कब्जा पाने के लिए अदालत की शरण ली, जिसमें मुन्नालाल को पैमाइश कराकर कब्जा दिलाने का आदेश हुआ। न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार की सुबह जमीन की नाप करवाने के लिए मुन्नालाल को मौके पर बुलाया गया था। बताया जाता है कि लेखपाल के द्वारा नाप की सूचना न तो पुलिस को दी गई और न ही स्वयं मौके पर पहुंचा।
दूसरी तरफ जैसे ही कब्जा पाने की नीयत से मुन्नालाल मौके पर पहुंचे, वहां पहले से घात लगाए विपक्षियों ने हमला बोल दिया और अचानक हुए हमले से मुन्नालाल को संभलने का भी मौका नहीं मिला और हमलावरों ने लाठी-डंडे के साथ धारदार हथियार से मुन्नालाल को लहूलुहान कर दिया।
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खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़ा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वारदात की जानकारी होते ही आसपास के लोग दौड़ पड़े और पुलिस को सूचना दी। हत्या की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक समेत भारी पुलिस फोर्स घटनास्थल पर पहुंची। मुन्ना लाल (50) को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए भले ही तीन टीमें रवाना कर दी गई हों, लेकिन जब न्यायालय के आदेश पर पैमाइश करवाई जा रही थी तो इसकी जानकारी कोखराज पुलिस को क्यों नहीं दी गई। मौके पर सुरक्षा के इंतजामात क्यों नहीं किए गए। इससे भी बड़ी बात यह है कि मुन्नालाल को बुलाकर लेखपाल स्वयं गायब रहीं। बताया जाता है कि जिन लोगों पर हत्या का आरोप है कि उन पर कई थानों में संगीन धाराओं वाले मामले दर्ज हैं। अब देखना यह है कि पुलिस मामले में किस प्रकार की कार्यवाही करती है।