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मेजा ऊर्जा निगमः चोरी के प्रकरण में अब तक नहीं हुई प्रभावी कार्यवाही

एफआईआर में मानव संसाधन के चार नामजद अधिकारियों सहित एक अज्ञात व्यक्ति भी है आरोपी

वर्षों से कार्यवाही के लिए पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है मुकदमे का वादी

प्रयागराज (हरिप्रताप सिंह). कोरोना से एनटीपीसी (Meja Urja Nigam) के एक मैनेजर की हुई असामयिक मौत के बाद पॉवर प्लांट के आवासीय परिसर स्थित उसके आवास से की गई आवश्यक दस्तावेजों एवं सामानों की चोरी के मामले में लंबा समय बीत जाने के बाद भी कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हो पाई है। मृतक मैनेजर का बड़ा भाई लंबे समय से मामले में कार्यवाही के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगा रहा है, लेकिन अभी तक कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हो पायी है।

एनटीपीसी (NTPC, Meja Urja Nigam) के दिवंगत मैनेजर (सिविल) अजय कुमार निगम के बड़े भाई विनय कुमार निगम का आरोप है कि 11 मई 2021 को उनके छोटे भाई अजय कुमार निगम की कोरोना से मौत हो जाने के बाद एनटीपीसी से 15 जून 2021 को जरिए फोन सूचना मिली कि वह एनटीपीसी आकर क्लेम पत्र व भाई के कमरे में रखा सामान ले जाएं। इस सूचना पर वे 16 जून 2021 को एनटीपीसी आए और आवासीय परिसर यमुना विहार स्थित कमरा नंबर 03 पर पहुंचे तो देखा कि कमरे की कुंडी ताजा टूटी पड़ी थी व ताला पिचका था, जो खुद की चाबी से नहीं खुला, साथ ही साथ दरवाजा चिपका था।

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वहां उपस्थित विभागीय लोगों के साथ वे जब कमरे के अंदर गए तो देखा कि सारा सामान अस्त व्यस्त पड़ा है व आवश्यक दस्तावेजों सहित कई चीजें गायब हैं।

चोरी की इस घटना के संबंध में पुलिस को सूचित करने व पुलिस के आने के बाद ही ताला व कुंडी बदलने का आग्रह उनके द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारी से किया गया लेकिन अधिकारी ने उन्हें वार्ता के लिए अपने कार्यालय बुलाकर जबरन बैठाए रखा और इसी बीच कमरे का ताला, कुंडी बदलवा दी। पुलिस को सूचित किए बिना ताला कुंडी बदले जाने की शिकायत उन्होंने जब संबंधित उच्चाधिकारी से की तो उन्हें डराया-धमकाया गया और कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं की गई। 22 जून, 2021 को वे दोबारा कमरे में बंद पड़ी गोदरेज की आलमारी खुलवाने, कमरा नंबर 03, यमुना बिहार, एनटीपीसी पहुंचे तो वहां भी उन्हें डराया-धमकाया गया।

इस घटना की प्राथिमिकी वादी द्वारा मेजा थाने में 9 अगस्त, 2021 को एफआईआर संख्या 434 पर भारतीय दंड संहिता की धारा 457, 380 तथा 506 के अंतर्गत दर्ज कराई गई है और प्रथम सूचना रिपोर्ट में एक अज्ञात व्यक्ति सहित मानव संसाधन के चार अधिकारियों को नामजद किया है। वादी का आरोप है कि लंबा समय बीत जाने बाद भी मामले में प्रभावी कार्यवाही नहीं हो पाई जबकि इस बीच दो आरोपियों का स्थानांतरण भी हो गया है। वादी विनय कुमार निगम ने मामले में पुलिस द्वारा प्रभावी कार्यवाही न किए जाने को लेकर 29 अक्टूबर 2022 को संबंधित न्यायालय में भी प्रार्थना पत्र दिया है, साथ ही साथ पुलिस के उच्चाधिकारियों से भी मामले में प्रभावी कार्यवाही कराए जाने की पुरजोर मांग की है।

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