34 वर्ष बाद भी किसानों को नहीं मिला मुआवजा, नहर के लिए अधिग्रहीत की गई थी जमीन
फूलपुर तहसील में धरना प्रदर्शन करते हुए अधिकारियों को दिया ज्ञापन
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में उप जिलाधिकारी कार्यालय फ़ुलपुर मेंआयोजित तहसील दिवस पर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन करते हुए शारदा सहायक खंड 39 लतीफपुर माइनर में वर्ष 1988 में शामिल किसानों की जमीन का मुआवजा तत्काल दिए जाने की मांग की गई और इस आशय का ज्ञापन उच्च अधिकारियों को सौंपा गया।
यह भी पढ़ेंः सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाई जाएगी कोविड की प्रीकाशन डोज
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओ ने कहा कि लतीफपुर माइनर नहर सन 1988 में अधिग्रहीत की गई जमीन का अभी तक़ 2022 में भी मुआवजा नहीं दिया गया है, किसानों की जमीन से जब नहर निकाली जा रही थी तब किसानों ने विरोध किया था, तब तात्कालिक जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए किसानों की नहर में ली जा रही जमीन का उचित मुआवजा देने के शर्त पर नहर निकाली गई थी, लेकिन आज 34 वर्षों बाद भी किसानों की नहर के लिए ली गई जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया है, जो बहुत ही दुःखद, तकलीफदेह और शर्मनाक है। शारदा खंड 39 लतीफपुर माइनर नहर में ग्राम- गडौर, मंगरा, दुलमापुर, चोरहाई, कोडापुर,नगरिया, टटेहरा, सैफजानपुर, के किसानों की जमीन शामिल है।
यह भी पढ़ेंः अग्निपथ योजनाः प्रयागराज सहित 13 जिलों के अभ्यर्थी तीन सितंबर तक करें आनलाइन आवेदन
मुआवजे की मांग के लिए पूर्व में भी कई बार धरना प्रदर्शन और अधिकारियों को ज्ञापन दिया जा चुका है। इस सूखे के समय भी सरकार यदि किसानों के ज्वलंत मुद्दों को वरीयता देकर हल नहीं करेंगी तो किसान बड़े आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होंगी। धरने में मुख्य वक्ता ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी, इफको फ़ुलपुर ठेका मजदूर संघ मंत्री कॉम त्रिलोकी पटेल, त्रिभुवन यादव, जगदीश कुमार, सुभाष चंद्र भारतीय, निर्मला देवी, राकेश पाल, नरेंद्र प्रताप यादव, एडवोकेट अशरफ़, भारतीय किसान यूनियन से डॉ लाल प्रताप यादव, बैजनाथ भारतीय इत्यादि लोग उपस्थित रहे। धरने की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान महासभा, प्रयागराज जिला संयोजक कॉम सुभाष पटेल और संचालन कॉम अभयराज यादव ने किया।
यह भी देखेंः मोर्हरम की सातवीं पर निकला कदीमी जुलूस