ताज़ा खबरपूर्वांचलराज्य

Dengurpur-Dhantulsi Ghat: दो दशक से अपने पक्के पुल के इंतजार में कोनिया के लोग

सब्जी खरीदने से लेकर खेती करने, रिश्तेदारों और अपनों से मिलने के लिए रोजाना पार करनी पड़ती है गंगा

पश्चिम में एक प्रयागराज तो पूरब में दूसरा पक्का पुल मिर्जापुर में, दोनों की दूरी 100 किमी से अधिक

भदोही (संजय मिश्र). न जाने कितने पत्राचार हुए। दर्जनों खबरें लिखी गईं। मंत्रियों, नेताओं, सांसदों और विधायकों ने घोषणा की, लेकिन अभी तक कोनिया (Konia) के लोगों को Dengurpur Dhantulsi Ghat पर अपना पक्का पुल नहीं मिल सका। बीते दो दशक से यहां लोग अपने पक्के पुल के इंतजार में हैं कि कब उन्हे पक्का पुल मिलेगा और वह साइकिल से उस पार (भारतगंज, प्रयागराज) जाकर रोजमर्रा की खरीदारी कर सकेंगे। किसी के बीमार होने पर जल्दी से दवा ला सकेंगे।

भदोही जनपद में स्थित कोनिया (Konia) क्षेत्र में तकरीबन 40-50 गांव आते हैं। इसकी आबादी भी लगभग 50 हजार के आसपास होगी। कोनिया के ठीक किनारे अगर गंगा नदी नहीं होती तो यह क्षेत्र प्रयागराज जनपद में होता, लेकिन गंगा मैया की मेहरबानी ने इस गांव को भदोही में ढकेल दिया। यहां के लोगों की समस्या को देखते हुए 90 के दशक में तत्कालीन भाजपा विधायक गोरखनाथ पांडेय ने अपने प्रयासों Dengurpur Dhantulsi Ghat पर पीपे के पुल की स्वीकृति करवाई।

राजनाथ सिंह ने पीपे का पुल बनाए जाने की घोषणा की। इसके बाद कलराज मिश्र और लालजी टंडन ने डेंगुरपुर-धनतुलसी घाट (Dengurpur Ghat) पर आकर पीपे के पुल का शिलान्यास किया, इसके बाद से यहां के लोगों को पीपे के पुल की सुविधा मिलने लगी, लेकिन पीपे का पुल तभी तक गंगा पर तैरता रहता है, जब तक बरसात नहीं आती। यदि बरसात के सीजन से इतर, तेज तूफान आ जाए तो भी यह सुविधा खत्म हो जाती है। अभी, बीते दिनों आए तूफान में यह पुल टूटकर दो हिस्सों में बंट गया। उसके बाद से अभी तक उसे जोड़ा नहीं जो सका।

आखिर कब तक तरसेगा भदोही: प्रयागराज में चार पुल और भदोही को एक भी नहीं!
 तूफान में टूट गया डेंगुरपुर गंगा घाट पर बना पीपे का पुल, आवागमन ठप
खराब इंजीनियरिंग का दंड भोग रहे गोपीगंजवासीः एनएच-2 की सर्विस लेन जलमग्न
पानी में बह गया नगर पंचायत सुरियावां का ‘विकास’: पानी में तैरते मिले घरेलू सामान

अब बात करते हैं पक्के पुल की। डेंगुरपुर-धनतुलसी घाट (Dengurpur Dhantulsi Ghat) पर पक्के पुल की मांग लंबे समय से चली आ रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, केशव प्रशाद मौर्य जैसे बड़े नेता भी पुल निर्माण के लिए आश्वासन दे चुके हैं। यहां के पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय लगातार प्रयासरत हैं। उनका प्रयास अभी भी जारी है। यदि डेंगुरपुर-धनतुलसी घाट का पक्का पुल बन जाता है तो दो प्रदेशों (यूपी-एमपी) के बीच एक सीधा रास्ता बन जाएगा, जिसमें लगभग पांच जनपद भी एक साथ जुड़ेंगे और एक कोनिया क्षेत्र की एक बड़ी आबादी को द्वीप से बाहर निकलने का रास्ता मिल जाएगा।

युवा सेवा संस्था युवाशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व डेंगुरपुर घाट पर पक्के पुल के लिए संघर्ष करने वाले पवन तिवारी ने एक बार फिर भदोही के सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के समक्ष सवाल उठाया है कि आखिर कोनिया वासियों की पक्के पुल की मांग कब पूरी होगी।  कोनिया के ही युवा नेता निशांत सिंह,  बृजेश पांडेय, बबलेश पांडेय, विवेक तिवारी आदि का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान सीतामढ़ी में निषाद पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की चुनावी सभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रवि किशन द्वारा पर्यटक स्थल सीतामढ़ी में पक्के पुल की बात कही गई थी।

पिछले दो दशक से पक्के पुल के निर्माण को लेकर प्रयास जारी है। इस दौरान सपा, बसपा सरकार के कार्यकाल में भी पुल निर्माण को लेकर पत्रचार किया गया। उसके बाद से व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलकर यहां के लोगों की समस्या बताई गई। पुल निर्माण को लेकर डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य ने भी आश्वासन दिया है।

पंडित गोरखनाथ पांडेय, भाजपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य एवं पूर्व सांसद भदोही

 Tara murder case: गवाही देने से पहले संदिग्ध दशा में चाचा की हो गई मौत
मानसिक अस्वस्थ युवक ने लगाई फांसी, दो माह पहले हुआ था पिता का निधन
तिलकोत्सव से लौटते समय डंपर की चपेट में आया ओवरलोड टेंपो, पांच की मौत

गंगा के बीच टापू जैसा है कोनियाः अब जरा भदोही के कोनिया क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को भी समझ लीजिए। यह गंगा नदी से घिरा एक टापू जैसा क्षेत्र है। यहां से पूरब और दक्षिण-पूर्व में मिर्जापुर, पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में प्रयागराज जनपद पड़ता है। कोनिया में गंगा की धारा यू (U) आकार में है, इसे ऐसा कह सकते हैं कि कोनिया क्षेत्र के तीन तरफ गंगा नदी विराजमान हैं और बीच में एक बड़ी आबादी निवास करती है। यहां के लोगों को हाट-बाजार के लिए गंगा उस पर स्थित प्रयागराज का भारतगंज कस्बा सबसे नजदीक पड़ता है। कोनिया से उसकी दूरी 10-12 किमी है, जबकि भदोही जनपद की सभी बाजारों की कोनिया से दूरी 35 किमी से अधिक पड़ती है।

खेत-खलिहान भी गंगा के उस पारः इसके अलावा कोनिया में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के आधे लोग गंगा के उस पार अर्थात प्रयागराज के भारतगंज, मांडा या फिर कछारी क्षेत्र में रहते हैं। तमाम रिश्तेदारियां भी उधर हैं।  खेत-खलिहान भी गंगा के उस पार स्थित है। इसलिए डेंगुरपुर-धनतुलसीपुर घाट पर पक्का और भी जरूरी हो जाता है। भदोही जनपद में कोनिया जहां पर स्थित है, वहां से पूरब में एक पक्का पुल, जो मिर्जापुर में है, जबकि दूसरा पक्का पुल पश्चिम में प्रयागराज में है और दोनों पुलों के बीच की दूरी लमसम 100 किमी के आसपास है। ऐसे में आवागमन के लिए पीपे का पुल या फिर नाव ही एकमात्र आसरा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button