समाजसेवी प्रमोद मिश्र ने दी चेतावनी, कहा गोशालों में किए जा रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ होगा आंदोलन
प्रयागराज (राहुल सिंह). सरकार भले ही गो रक्षा के लिए तमाम व्यवस्थाएं कर रही हो, गोवंशीय मवेशियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। यमुनापार की सड़कों पर, खास तौर से मध्य प्रदेश सटे एरिया में जिस भी सड़क पर जाइए, गाय-बैल का झुंड जरूर मिलेगा। बीते दिनों शंकरगढ़ इलाके में वाहन की चपेट में आने से कई मवेशियों की मौत हो गई थी।
आएदिन इस तरह के हादसे हो रहे हैं। किसानों की खेती-बारी को नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके सरकार द्वारा चलाए जा रहे गो आश्रय स्थलों में गायों को नहीं रखा जा रहा। यही नहीं ईयर टैगिंग में भी बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है।
मौजूदा समयम कोरांव तहसील क्षेत्र में बेलहट, बेलवानिया, बढ़वारी कला, छड़िगड़ा, महुली, देवघघाट, बड़ोखर, देवरी, बहरैचा, जोरवट, खीरी, टेऊंगा कला, पवारी, किहुनी खुर्द, सिकरो सहित डेढ़ दर्जन से अधिक गोशालाएं सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं। परंतु, गोशालाओं का संचालन करने वाली टीम की लापरवाही और खाऊ-कमाऊ नीति के चलते गायों का सड़क पर मिलना इन व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहा है।
दूसरी तरफ इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जो रात- दिन टॉर्च और लाठी-डंडा लेकर जागरण कर खेतों की रखवाली कर रहे हैं। क्षेत्रीय किसानों का कहना हैकि पहले केदौर में चोरों से हिफाजत के लिए रतजगा करना पड़ता था, अब फसलों को बचाने के लिए मवेशियों की पहरेदारी करनी पड़ती है।
समाजसेवी प्रमोद मिश्र उर्फ पयासी ने कहा कि गोशालाओं की व्यवस्था के नाम पर ब्लॉक के अधिकारी और टीम द्वारा चारा-पानी, उपचार आदि इंतजाम के नाम पर लाखों का घोटाला किया जा रहा है। कमीशन खोरी जारी है, लेकिन मवेशियों की मृत्यु दर में कमी नहीं आ रही है।
प्रमोद मिश्र पयासी ने कहा कि जन सहयोग से जल्द ही विधान सभा कोरांव में सभी गो शालाओं में अव्यवस्था और भ्रष्ट्राचार के खिलाफ जांच कमेटी गठित किए जाने और भ्रष्टाचार में संलिप्त ब्लॉक के अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच, कार्यवाही की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा।