स्थानीय जिम्मेदारों की लापरवाही और मनमानी के चलते गोशाला में में लगा गंदगी का अंबार। पशु चिकित्साधिकारी ने तीन गायों के मरने की पुष्टि की, करवाया गया पोस्टमार्टम
प्रयागराज (राहुल सिंह). आवारा गायों को शेल्टर देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार हर जतन कर रही है। कई स्थाई और अस्थाई आश्रय स्थल का संचालन किया जा रहा है। इन आश्रय स्थलों में आरक्षित प्रति गाय की दर से प्रदेश सरकार रोजाना 50 रुपये खर्च करती है। बावजूद इसके गोशाला का संचालन करने वाले स्थानीय लोग पूरी मनमानी पर उतारू रहते हैं।
इसी का नतीजा है कि बढ़वारी कला की गोशाला में पांच गायों की मौत हो गई। अधिवक्ता अनूप कुमार मिश्र ने उपजिलाधिकारी से गोशाला में की जा रही मनमानी की शिकायत की है। आरोपित किया है कि इस गोशाला में आए दिन मवेशियों की मौत हो जा रही है, बावजूद इसके गोशाला संचालक ध्यान नहीं दे रहे हैं।
अनूप कुमार मिश्र ने कहा कि इस गोशाला में कुल 310 गायों को रखा गया है। प्रदेश की योगी सरकार 50 रुपये प्रति मवेशी की दर से रोजाना 15,500 रुपये सिर्फ चारा-पानी के निमित्त खर्च कर रही है। गायों को चारा-पानी और पर्याप्तइलाज नहीं मिलने से आए दिन मौतें हो रही हैं।
दूसरी तरफ उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. संजीव कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने तीन पशुओं की मौत स्वीकार की और बताया कि तीनों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।
ठीक नहीं है गोशाला की साफ-सफाई व्यवस्था
प्रभारी तहसीलदार यमुनाप्रसाद वर्मा ने कहा कि तीन पशुओं की मौत हुई है। वीडियो में इसकी पुष्टि हो रही है। पानी केलिए टैंकर की व्यवस्था कराई जा रही है। गोशाला की साफ-सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है, इसके लिए संबंधित को निर्देशित किया गया है। खंड विकास अधिकारी कोरांव ने बताया कि जिन पशुओं की मौत हुई है, उनका इलाज चल रहा था। सफाई व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया है।
फर्जी इंट्री दिखाकर हो रहा लाखों का भुगतान
अधिवक्ता अनूप कुमार मिश्र का कहना है कि बढ़वारी कला की गोशाला में कागज पर कुल 310 गायों को आश्रय दिया गया है। जबकि मौके पर गोशाला में कभी भी 100 से ज्यादा मवेशी नहीं रहते। प्रति माह 200 से अधिक मवेशियों की फर्जी इंट्री दिखाकर सरकार से लाखों रुपये लिए जा रहे हैं। अनूप के मुताबिक प्रदेश सरकार के द्वारा प्रति मवेशी 50 रुपये का भुगतान रोजाना की दर से किया जाता है। इस लिहाज से इस गोशाला को प्रतिमाह लगभग पांच लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा है।