प्रयागराज (आलोक गुप्ता). अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हत्याकांड में चल रही जांच के दौरान हर तरह का प्रयास किया जा चुका है। पर, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि शूटर लवलेश तिवारी, शनी सिंह और अरुण मौर्य ने हत्या क्यों की। दोनों से कई बार बयान लिए गए, लेकिन तीनों के बयान से भी न तो पुलिस संतुष्ट दिख रही है और न ही आम जन। इधर, पिछले कुछ दिनों से सरकार की तरफ से गठित न्यायिक जांच आयोग और एसआईटी ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
न्यायिक आयोग ने मंगलवार को शहर में डेरा डाल दिया है। बुधवार को तीन सदस्यीय आयोग के द्वारा काल्विन अस्पताल पहुंचकर विभिन्न पहलुओं की छानबीन की गई।
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पांच दिनों की जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम मंगलवार को ही शहर पहुंच गई थी। इसके बाद न्यायिक आयोग व एसआईटी की टीम ने बैठकर विभिन्न पहलुओं पर जानकारी साझा की और कई अनसुलझे बिदुंओं पर मंथन किया गया। जांच के क्रम में आगे अतीक-अशरफ की सुरक्षा में रहे 21 पुलिस कर्मियों, 16 स्वास्थ्य कर्मियों के साथ आधा दर्जन मीडिया कर्मियों का बयान फिर से दर्ज कराया जाएगा।
इसके अतिरिक्त 15 फरवरी की रात सरेआम, मीडिया के सामने काल्विन हास्पिटल में की गई माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के रहस्य की गुत्थी सुलझाने के लिए एसआईटी ने तीनों आरोपियों का लाई डिटेक्टर व नार्को टेस्ट करवाने का फैसला किया है। उम्मीद है कि इन दो जांच के बाद इस सनसनीखेज हत्याकांड से पर्दा उठ जाएगा।
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