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अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक चाक पर कलाकारी दिखाएंगे कुम्हार, आय में होगा इजाफा

विद्युत चालित चाक से कुम्हारों की आय में होगा इजाफाः हरेंद्र कुमार

माटीकला की विभिन्न योजनाओं द्वारा मिल रहा स्वरोजगारः सीडीओ

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). हाथ से मिट्टी के खूबसूरत बर्तन गढ़ने वाले कुम्हारों (potters) को माटी कला बोर्ड के द्वारा विद्युत चालित मशीन (electric wheel) प्रदान की गई। जिला ग्रामोद्योग व खादी कार्यालय द्वारा माटी कला बोर्ड के तत्वावधान में जिले से चयनित 20 लाभार्थियों को बोर्ड के सदस्य हरेंद्र कुमार प्रजापति और सीडीओ यशवंत कुमार सिंह बिजली से चलने वाली चाक प्रदान की।

माटीकला बोर्ड के सदस्य हरेंद्र कुमार प्रजापति ने कहा बोर्ड के द्वारा परंपरागत कार्य से जुड़े कारीगरों, शिल्पियों को तकनीक सेजोड़ने,उनके कार्य को आसान करने और उनकी आय में इजाफा करने के उद्देश्य से निरंतरप्रयासरत है। विद्युत चालित चाक (electric wheel) के इस्तेमाल से न सिर्फ कार्य में तेजी आएगी, बल्कि कार्य और सफाई से होगा और कुम्हार (potters) अधिक उत्पादन कर अधिक आय अर्जित करेंगे। यह प्रयास परंपरागत उद्योगों को संजीवनी प्रदान करेगा। नई पीढ़ी के लोग भी इससे जुड़कर स्वरोजगार अपनाएंगे और यह कला आनेवाली पीढ़ियों तक जीवित रहेगी।

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बताया कि इलेक्ट्रिक चाक के माध्यम से प्रतिदिन आठ घंडे में चार से पांच हजार तक कुल्हड़ तैयार होंगे। उन्होंने कुम्हारों को व्यवसाय के नये ट्रेडिंग व पैकेजिंग पर जोर दिया। बताया शादी-विवाह व अन्य अवसरों पर डिजाइनर कुल्हड़ खूब पसंद किया जा रहा है। समय के साथ इस व्यवसाय में नवाचार करने की जरूरत है।

सीडीओ यशवंत कुमार सिंह ने बताया कि औद्योगिक जगत द्वारा कच्चे माल के रूप में माटी का प्रयोग कर मूर्तियां, खिलौने, बर्तन, नरिया इत्यादि वस्तुएं बनाने का प्रचलन सदियों से रहा है। सिंलग यूज प्लास्टिक उत्पादों के प्रयोग से स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए सरकार माटीकला के विभिन्न योजनाओं द्वारा स्वरोजगार को प्रेरित कर रही है।

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जिला सूचना अधिकारी डा. पंकज कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री के ‘वोकल फार लोकल’ और सीएम के ओडीओपी के द्वारा स्थानीय कलाकारों के उत्पादों को प्रोत्साहन मिला है। इलेक्ट्रिक चाक के माध्यम से हम अपने परंपरागत व्यवसाय व तकनीकी में आधुनिकता का नवाचार समाहित कर रहे है।

जिला ग्रामोद्योग अधिकारी अमितेश कुमार सिंह ने बताया कि माटीकला के परंपरागत उपकरणों के साथ कार्य करना कारीगरों के लिए अत्यंत श्रमसाध्य है। इससे उत्पादकता भी प्रमाणित होती है। आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर माटीकला कारीगरों के आय में वृद्धि होगी। लाभार्थियों को विभागीय मंडलीय प्रशिक्षण केंद्रों पर माटीकला की नवीन तकनीक का तीन दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

लाभार्थियों का चयन सीडीओ की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा किया गया था। लाभार्थियों का चयन उनकी आर्थिक स्थिति और योग्यता के आधार  पर किया गया था। जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी ने मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना, माटीकला कौशल विकास योजना, माइक्रो माटीकला, कामन फैसिलिटी सेंटर योजना, माटीकला पुरस्कार योजना सहित ग्रामोद्योग व खादी बोर्ड की स्वरोजगारपरक योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए लाभ उठाने की अपील की।

इन लाभार्थियों को मिली विद्युत चालित चाकः कार्यक्रम में हरियांव निवासिनी रीता देवी, जगापुर की नगीना देवी, राजकुमार प्रजापति, सुजीत कुमार प्रजापति, प्रदीप कुमार, विष्णु कुमार, छोटेलाल, सुनील कुमार, लालबहादुर सहित कुल 20 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र के साथ विद्युत चालक चाक प्रदान की गई। कंबल कारखाना गोपीगंज में आयोजित चाक वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ हरेंद्र कुमार प्रजापति, सीडीओ, डीआईओ ने महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस मौके पर जिला क्रीड़ाधिकारी सिराजुद्दीन, कंबल कारखाना प्रबंधक मोहम्मद सलीम, एडीओ राजेश सिंह, गिरजाप्रसाद यादव, पवन कुमार यादव, अनीश आलम, सुरेंद्र गुप्ता, राजेंद्र कुमार मौजूद रहे।

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