ध्वजारोहण से दसलक्षण महापर्व का शंखनादः श्री 1008 आदिनाथ भगवान की निकली पालकी यात्रा
रिद्धि-सिद्धि भवन में बही भक्ति की बयार, दिव्यघोष की भव्यता रही आकर्षण का केंद्र
टिमिट को अभिषेक करने का सौभाग्य, पंडित ऋषभ जैन बोले, उत्तम क्षमा के दिन न करें क्रोध
मुरादाबाद (the live ink desk). तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति सुरेश जैन ने दसलक्षण महापर्व के पहले दिन- उत्तम क्षमा पर ध्वजारोहण से दसलक्षण महापर्व का शंखनाद किया। श्री 1008 आदिनाथ भगवान की प्रतिमा को वेदी से पालकी तक लाने का डॉ. एसके जैन ने पुण्य कमाया। सुबह सात बजे श्री 1008 आदिनाथ भगवान को पालकी में बैठाकर दिव्यघोष के बीच रिद्धि-सिद्धि भवन में पांडुशीला पर विराजमान किया गया। चारों स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य टिमिट के श्रावकों को प्राप्त हुआ। कुलाधिपति सुरेश जैन, वाइस ग्रुप चेयरमैन मनीष जैन ने सर्वप्रथम शांतिधारा की। इनके अलावा आर्यन जैन, अक्षत जैन, तनिष्क जैन, पार्श्व जैन, अक्षत जैन, तनिश जैन, अक्षत जैन, ऋषभ जैन, अंश जैन को प्रथम स्वर्ण कलश से शांतिधारा औऱ डॉ. विनीता जैन के पुत्र को रजत कलश से शांतिधारा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर कुलाधिपति के अलावा फर्स्ट लेडी बीना जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन मनीष जैन, उनकी धर्मपत्नी ऋचा जैन के संग-संग फैकल्टीज औऱ सैकड़ों श्रावक और श्राविकाएं मौजूद रहे।
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महापर्व के पहले दिन भोपाल की रजनीश जैन एंड पार्टी ने संगीत के जरिए…. कलशों में भरकर नीर-क्षीर…, कलश ढालो रे ढालो नर-नारी…, दीवाना गुरुवर का…,मस्ती में झूमे नाचे मस्ताने आए हैं…, मुरादाबाद नगरिया में प्रभु का जयकारा गूंजेगा…, ओ पालनहारे निर्गुण ओ न्यारे…, रंगमा रंगमा रंगमा रे प्रभु थारा ही रंग में रंग गयो रे….आदि भजन सुनाकर रिद्धि-सिद्धि भवन को भक्तिमय कर दिया। उत्तम क्षमा धर्म पर समुच्चय पूजा, सोलहकारण पूजा, पंचमेरू पूजा और दशलक्षण पूजा विधि-विधान से कराई गई। रिद्धि-सिद्धि भवन में ब्रह्मचारिणी डॉ. कल्पना जैन, डॉ. आरके जैन, डॉ. एसके जैन, डॉ. अर्चना जैन, विपिन जैन, डॉ. विनोद जैन, डॉ. रत्नेश जैन, डॉ. नम्रता जैन, आदित्य जैन, आशीष सिंघई औऱ अरिंजय जैन आदि मौजूद रहे। ध्वजारोहण से लेकर रिद्धि-सिद्धि भवन में पूजा अर्चना तक वैभव जैन, पारस जैन, धार्मिक जैन, प्रयास जैन के संग-संग श्राविकाएं भी भक्ति में लीन रहीं।
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इससे पूर्व उत्तमक्षमा धर्म पर दिव्यघोष के बीच जिनालय से श्रीजी रिद्धि-सिद्धि भवन में विराजमान कराए गए। दिव्यघोष के दौरान श्रावक सफेद रंग का कुर्ता, सफेद पजामा पहने थे, जबकि श्राविकाएं सफेद कुर्ता-सलवार, नारंगी चुनरी के संग पहनी थीं। दिव्यघोष की भव्यता देखते ही बनती थी। पालकी यात्रा के दौरान कुलाधिपति के परिवार के संग समस्त टीएमयू जैन परिवार भी शामिल था। इससे पूर्व कुलाधिपति सुरेश जैन ने ध्वजारोहण कर दसलक्षण महोत्सव का शंखनाद किया। प्रथम स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य अतिशय जैन, प्राशु जैन, द्वितीय स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य जिनेन्द्र जैन, मेहुल जैन, तृतीय स्वर्ण कलश का सौभाग्य भानु सेठिया,अपूर्व जैन जबकि चतुर्थ कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य बीबीए के अनमोल जैन, अक्षत मोदी को प्राप्त हुआ।
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सम्मेदशिखर से आए पंडित रिषभ जैन ने शुद्धिकरण कराकर विधि-विधान से पूजा आरम्भ कराई। पंडित जी ने मंगलाचरण से शुरूआत कर सर्वप्रथम श्रावक और श्राविकाओं की थाली में स्वास्तिक बनवाया। इसके बाद दाहिने हाथ में जल लेकर चारों दिशाओं की शुद्धि करवाई। इस अवसर पर पंडितजी ने उत्तम क्षमा का अर्थ बताते हुए कहा, आज के दिन क्रोध नहीं करना है। यदि मुस्कुरा कर जिया जाए तो जीवन सरल औऱ विचार सशक्त हो जाते हैं। किसी पर भी यदि आपको क्रोध आए तो हमेशा यह ध्यान रखें कि क्षमा वीरस्य भूषणं। उत्तम क्षमा धर्म में सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान औऱ सम्यक चरित्र की समाविष्टि धर्मं को धार देकर आत्मा की परिशुद्धि करती है। उल्लेखनीय है, रिद्धि-सिद्धि भवन में प्रतिदिन शाम को साढ़े 6.30 बजे से साढ़े 7.30 बजे तक आरती हुआ करेगी, जबकि टीएमयू के ऑडिटोरियम के मंच पर 7.30 बजे से 8.15 बजे तक प्रवचन हुआ करेंगे। 8.15 बजे से कॉलेजवार कल्चरल प्रोग्राम्स की प्रस्तुति होगी।