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Amethi Lok Sabha: अनुजवधू मेनका गांधी को हरा राजीव गांधी ने पाया था 83 फीसद मतदाताओं का प्यार

दूसरी मोदी लहर में अमेठी में ध्वस्त हो गया कांग्रेस का तिलिस्म, 2014 में 25.07 फीसद की गिरावट के बावजूद जीते थे राहुल गांधी

The live ink desk. (हरिश्चंद्र यादव). सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसी भी संसदीय सीटें हैं, जो चर्चा से गायब नहीं होती हैं। इन हॉट लोकसभा सीटों में अमेठी का नाम भी शामिल है। प्रयागराज जनपद की फूलपुर संसदीय सीट की तरह जिस प्रकार रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, उसी प्रकार से अमेठी भी कांग्रेस की परंपरागत सीटों में गिनी जाती रही है।

दक्षिण में प्रतापगढ़, पश्चिम में रायबरेली और पूर्वोत्तर में सुल्तानपुर जनपद से घिरा अमेठी जनपद की लोकसभा सीट उन चुनिंदा सीटों में शामिल है, जिसे लेकर सर्वाधिक बहस देखने और सुनने को मिलती है। अमेठी लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभाएं हैं, जिसमें से तिलोही, सलोन (सलवन) और जगदीशपुर से भाजपा के विधायक हैं, जबकि गौरीगंज और अमेठी विधानसभा से सपा ने विधानसभा चुनाव जीता है। सलोन विधानसभा रायबरेली जनपद में पड़ती है। 1967 से अब तक के आम चुनावों पर नजर डालें तो यहां से गांधी परिवार से राजीव गांधी (Rajiv Gandhi), संजय गांधी (Sanjay Gandhi), सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और मेनका गांधी (Menka Gandhi) भी चुनाव लड़ चुकी हैं।

राजीव गांधी अमेठी से सर्वाधिक चार दफा सांसद चुने गए, जबकि एक बार संजय गांधी और एक बार सोनिया गांधी ने यहां से जीत हासिल की और कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को अमेठी की जनता ने तीन बार सांसद बनाया। 1967 के बाद से 2019 तक कुल 16 बार अमेठी में चुनाव (दो उप चुनावों को मिलाकर) हो चुके हैं। इसमें से दो बार भाजपा और एक बार जनता पार्टी को जीतने का मौका मिला। शेष 13 बार अमेठी से कांग्रेस ही जीती।

साल 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी राजीव गांधी के विरोध में गांधी परिवार की ही बहू मेनका गांधी पत्नी स्व. संजय गांधी (राजीव गांधी के छोटे भाई) ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में कुल 60 फीसद से अधिक वोटिंग हुई थी, इसमें 83.67 प्रतिशत वोट पाकर राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) विजयी हुए, जबकि निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाली राजीव गांधी की अनुजवधू मेनका गांधी को पराजय देखनी पड़ी।

1967 और 1971 में अमेठी से कांग्रेस के टिकट पर विद्याधर वाजपेयी चुनाव जीते थे। जबकि 1977 में जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस के संजय गांधी को भारी अंतर से चुनाव हराया था। 1977 के बाद 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी संजय गांधी को जीत मिली। हालांकि, 23 जून 1980 को हुई एक विमान दुर्घटना में संजय गांधी का निधन हो गया और अमेठी की सीट रिक्त हो गई।

1981 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस के सिंबल पर राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने अमेठी से चुनाव लड़ा और जीतकर लोकसभा पहुंचे। 1984 के बाद से 1989 और फिर 1991 में भी राजीव गांधी ने यहां से चुनाव जीता। फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव गांधी भारत के सातवें प्रधानमंत्री भी बने। 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदुरू में हुए एक विस्फोट में राजीव गांधी की असामयिक मौत हो गई।

देश के सातवें प्रधानमंत्री और अमेठी से सांसद रहे राजीव गांधी के निधन के पश्चात अमेठी की सीट फिर से खाली हो गई। इसके बाद साल 1991 में ही अमेठी में उप चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस के टिकट पर सतीश शर्मा चुनाव जीते। इसके बाद 1996 में भी अमेठी की सीट से सतीश शर्मा सांसद चुने गए। हालांकि, 1998 में इलेक्शन में भाजपा के टिकट पर संजय सिंह ने यहां से जीत दर्ज की।

1991 में राजीव गांधी के निधन के पश्चात से अमेठी से दूर रहा गांधी परिवार 1999 में फिर से अमेठी पहुंचा और सोनिया गांधी ने 1999 में चुनाव लड़ा और वह लोकसभा पहुंची। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अमेठी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के पश्चात यह सीट अपने बेटे को सौंप दी और 2004 के चुनाव में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को यहां से उतारा, जबकि स्वयं सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ा। 2004 से 2014 तक राहुल गांधी अमेठी से सांसद चुने जाते रहे। इसके बाद दूसरी मोदी लहर में अमेठी में बना कांग्रेस का किला ध्वस्त हो गया। 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्म़ति ईरानी ने जीत दर्ज की और राहुल गांधी को पराजय का सामना करना पड़ा।

2014 के चुनाव में राहुल गांधी को पिछले चुनाव के मुकाबले 25.07 फीसद कम वोट मिले, जबकि भाजपा (प्रत्याशी स्मृति ईरानी) के वोट बैंक में 28.57 फीसद का इजाफा हुआ। इसके बाद दूसरी मोदी लहर में भी कांग्रेस का वोट बैंक खिसका और कांग्रेस का यह किला ध्वस्त हो गया। 2019 में 4,68,514 वोट पाकर स्मृति ईरानी यहां से सांसद चुनी गईं, जबकि 4,13,394 वोट पाकर भी राहुल गांधी हार गए। इस चुनाव में भी भाजपा के वोट बैंक में 15.33 फीसद का इजाफा हुआ था।

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