मोदी लहर में 73 हजार ज्यादा वोट पाकर भी हार गई थी BJP, बसपा ने दी थी कड़ी टक्कर
2019 में बसपा के वोट शेयर में 32 फीसद का हुआ था इजाफा, 2014 में भाजपा और 19 के चुनाव में बसपा को मिली थी जीत, 2009 में बाहुबली धनंजय सिंह ने खोला था बसपा का खाता
जौनपुर (संजय सिंह). पूर्वांचल की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट जौनपुर (Jaunpur Lok Sabha) से 2019 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव ने पांच लाख से अधिक पाकर जीत दर्ज की थी। जौनपुर लोकसभा सीट की बात करें तो यह पांच विधानसभाओं को जोड़कर बनाई गई है।
इसमें विधानसभा जौनपुर से बीजेपी के गिरीश यादव, बदलापुर से बीजेपी के रमेशचंद्र मिश्र विधायक हैं। जबकि मलहनी से सपा के लकी यादव और मुंगरा बादशाहपुर से सपा के ही पंकज पटेल एमएलए चुने गए हैं। पांचवीं शाहगंज की सीट से एनपी (निर्बल भारतीय शोषित हमारा आम दल) से रमेश विधायक हैं। कुल मिलाकर जौनपुर लोकसभा सीट की दो सीटों पर भाजपा, दो पर सपा का कब्जा है।
अब बात करते हैं जौनपुर सीट (Jaunpur Lok Sabha) पर हुए पिछले दो लोकसभा चुनावों (General Elections) की। शुरुआत 2014 से। इस चुनाव में बीजेपी ने कृष्ण प्रताप, बसपा ने सुभाष पांडेय, सपा ने पारसनाथ यादव, कांग्रेस ने रवि किशन और आईएनडी ने बाहुबली धनंजय सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था।
इस चुनाव में कुल 54.48 फीसद वोटिंग हुई थी, जिसमें 36.45 फीसद वोट (3,67,149 मत) पाकर भाजपा के कृष्ण प्रताप सांसद बने थे। जबकि दूसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी सुभाष पांडेय थे। सुभाष पांडेय को 2,20,839 मत (21.93 प्रतिशत) मिले थे। 2009 के सापेक्ष इस चुनाव में बसपा के वोट शेयर में 17.68 फीसद की गिरावट आई थी। यही हाल सपा का था।
सपा प्रत्याशी पारसनाथ यादव को 1,80,003 वोट हासिल हुए थे। पिछले चुनाव के मुकाबले सपा के भी वोट प्रतिशत में 11.23 प्रतिशत की कमी आई थी। जबकि इस चुनाव में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के वोट शेयर में 17.68 फीसद का इजाफा हुआ था। बाहुबली धनंजय सिंह को 64,137 वोट आरयूसी प्रत्याशी शहाबुद्दीन को महज 19,636 मत मिले थे।
अब बात करते हैं 2019 में हुए लोकसभा चुनाव (General Election) की, तो इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कृष्ण प्रताप सिंह अपने प्रतिद्वंद्वी श्याम सिंह यादव से हार गए थे। वह भी तब 2014 के चुनाव के मुकाबले भाजपा के वोट शेयर में 5.85 फीसद (4,40,192 मत) का इजाफा हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि 2019 में बसपा के वोट शेयर में गजब का उछाल देखने को मिला।
बसपा ने कुल मतदान 55.77 प्रतिशत का 50.08 फीसद वोट (कुल मत 5,00,543) झटक लिया था। 2014 के मुकाबले 2019 में बसपा के वोट शेयर में 32.21 फीसद का उछाल आया था और भाजपा लगभग 73 हजार वोट ज्यादा पाकर भी यह सीट हार गई थी।
2019 तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी देवव्रत मिश्र थे, जिन्हे कुल 27,185 वोट मिले थे। 2024 के चुनाव में भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतारा है। जबकि इंडी गठबंधन के सहयोगी दल समाजवादी पार्टी ने बाबू सिंह कुशवाहा पर भरोसा जताया है तो बसपा ने भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाले अपने सिटिंग सांसद श्याम सिंह यादव को फिर से मौका दिया है।
जौनपुर में धनंजय सिंह ने खोला बहुजन समाज पार्टी का खाता
2009 के लोकसभा चुनाव में जौनपुर (Jaunpur Lok Sabha) से बाहुबली धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) सांसद चुने गए थे। जौनपुर से बसपा की यह पहली जीत थी। जौनपुर लोकसभा सीट पर 1952 से चुनाव हो रहे हैं। कुल 18 बार चुनाव हो चुके हैं, इसमें एक उप चुनाव भी शामिल है। 1952-57 के चुनाव में कांग्रेस से बीरबल सिंह लगातार सांसद चुने गए। 1962 के चुनाव में पहली बार भारतीय जनसंघ (अब भाजपा) के ब्रह्मजीत सिंह ने खाता खोला।
जबकि अगले ही साल 1963 में यहां उप चुनाव हुए, जिसमें फिर से कांग्रेस वापस आई और राजदेव सिंह सांसद बने। इसके बाद 1967-71 के चुनाव में भी राजदेव सिंह लोकसभा पहुंचते रहे। 1877 में यहां की जनता ने बदलाव किया और जनता पार्टी से यादवेंद्र दत्त दुबे ने लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद 1980 के चुनाव (General Election) में जनता पार्टी के ही अजीजुल्लाह आजमी ने जीत दर्ज की।
1984 में फिर से कांग्रेस लौटी और कमला प्रसाद सिंह जीते। जबकि 1989 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में यादवेंद्र दत्त दुबे को फिर से संसद पहुंचने का मौका मिला। 1991 में जनता दल प्रत्याशी अर्जुन सिंह यादव, 1996 में भाजपा के राजकेशर सिंह, 1998 में सपा से पारसनाथ यादव, 1999 में भाजपा से स्वामी चिन्मयानंद, 2004 में सपा से पारसनाथ यादव जीते।