The live ink desk. गर्मी का कहर सिर्फ भारत में ही है, बल्कि खाड़ी देश सऊदी अरब में भी इसका भयावह स्वरूप सामने आ रहा है। सऊदी अरब के मक्का में विश्व के कोने-कोने से हज करने गए जायरीन भी इसका शिकार हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हज के लिए मक्का जाने वाले 577 जायरीन जानलेवा गर्मी का शिकार बन चुके हैं। मक्का का अधिकतम तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
धार्मिक यात्रा पर मक्का गए लोगों में काल कवलित हुए ज्यादातर लोग मिस्र के बताए ज रहे हैं। सऊदी अरब के राजनयिकों के हवाले से जानकारी मीडिया में आई कि अकेले मिस्र से 323 हज यात्रियों का इंतकाल हुआ है। इन मौतों में अधिकांश गर्मी से जुड़ी बीमारियों के कारण मारे गए हैं।
सऊदी अरब ने कहा है कि गर्मी की वजह से बीमार करीब दो हजार तीर्थयात्रियों का इलाज किया जा रहा है। मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों में मिस्र के अलावा ईरान, इंडोनेशिया और सेनेगल के जायरीन शामिल हैं। मिस्र के विदेश मंत्री ने एक बयान में था कि वह सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ लापता लोगों की खोज के लिए अभियान चला रहे हैं।
यह मौतें 12 जून से 19 जून, 2024 के मध्य हुई है। इन दिनों सऊदी अरब में भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान अपने उच्च्तम स्तर को छू रहा है। धरती के किसी भी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली मौतों में यह आंकड़ा काफी बड़ा है।
मक्का में जलवायु परिवर्तन का गहरा असर हो रहा है। यहां हर 10 साल में औसतन तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। पिछले साल भी हज पर गए 240 जायरीनों की मौत हुई थी। सऊदी अरब ने सभी यात्रियों को छाता इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्हें लगातार पानी पीने और धूप से बचने के लिए कहा जा रहा है। इस वर्ष करीब 18 लाख तीर्थयात्री हज के लिए मक्का पहुंचे हैं। इनमें से 16 लाख जायरीन विदेशी हैं। यह हज यात्रा आज, यानी बुधवार को समाप्त हो रहीहै।