गज पर सवार होकर सबका कल्याण करने आ रही हैं माता रानी
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). 25 सितंबर को पितृपक्ष समाप्त हो जाएगा। इसके बाद नया महीना शुरू हो जाएगा। यह पूरा महीना त्योहारों का महीना है। शुरुआत शारदीय नवरात्रि अर्थात दुर्गापूजा से होगी। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 26 से पांच अक्टूबर तक रहेगी। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 14.22 बजे तक रहेगी। इसके बाद दश्मी लग जाएगी और दशमी तिथि 12.01 मिनट तक रहेगी। दशहरा के मौके पर सुकर्मा योग भी बन रहा है।
पंडित त्रियुगीकांत मिश्र ने बताया कि इस बार सभी का कष्ट हरने वाली, भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाली मां जगदंबा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। पंडित त्रियुगीकांत मिश्र ने बताया कि नवरात्रि का शुभारंभ जब-जब रविवार या फिर सोमवार को होता है, तब-तब माता का आगमन हाथी की सवारी पर होता है। इस बार शारदीय नवरात्रि का प्रथम दिन सोमवार को पड़ रहा है। बताया कि यदि नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार और शनिवार से हो तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं और जब बुधवार से शुभारंभ हो तो मां की सवारी नौका होती है। इसी तरह गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि का शुभारंभ हो तो जगतजननी मां जगदंबा पालकी में सवार होकर आती हैं।
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पंडित त्रियुगीकांत मिश्र ने बताया कि जब नवरात्रि में माता रानी, हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो बारिश की संभावना बढ़ जाती है। इस बार ऐसा देखने को भी मिल रहा है। बरसात होने से धरा पर हरियालीछा जा जाती है। प्रकृति का सौंदर्य निखर उठता है। फसल भी अच्छी होती है। हाथी पर सवार होकर घरों में आने वाली मां जगदंबा हर किसी का मनोरथ पूरा करती हैं। धन-धान्य से घर भरा रहता है। हाथी पर सवार होकर आने को बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। पूरे भारत में इसे अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।