डायरिया से वृद्धा की मौत, कुएं का प्रदूषित पानी पी रहे ग्रामीण
डीघ ब्लाक के प्रतापशाहपुर गांव में आधा दर्जन से अधिक बीमार
डाक्टरों की टीम ने गांव पहुंच किया डायरिया पीड़ितों का इलाज
संजय मिश्र
भदोही. बरसात के सीजन में संक्रामक रोगों ने पांव पसारना शुरू कर दिया। जनपद की ग्रामसभा खेदवपुर के मजरे प्रतापशाहपुर में पिछले सप्ताहभर से डायरिया फैला हुआ है। पर्याप्त इलाज न होने के कारण सोमवार की रात एक वृद्धा की मौत हो गई। जबकि आधा दर्जन से अधिक डायरिया की चपेट में हैं। इसमें कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है।
ग्रामीणों की सूचना पर आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डीघ से डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम प्रतापशाहपुर गांव पहुंची और पीड़ितों के घर-घर जाकर इलाज किया। इसके अलावा ग्रामीणों को साफ-सफाई से रहने, उबला पानी पीने, बीमार होने पर तत्काल सीएचसी में संपर्क करने की सलाह दी गई।
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बताया जाता है कि प्रतापशाहपुर पिछले सप्ताहभर से डायरिया का प्रकोप चल रहा है। कुछ लोग निजी डाक्टरों के यहां तो कुछ सीएचसी डीघ में इलाज करवा रहे हैं। सोमवार की रात सावित्री देवी (80) पत्नी स्व.रामकृपाल गौतम, जो कई दिन से डायरिया की चपेट में थी, की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि उन लोगों ने प्राइवेट डाक्टर के इलाज करवाया था। आज सुबह जैसे ही डायरिया से मौत की खबर गांव में फैली तो हड़कंप मच गया।
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ग्रामीणों ने तत्काल इसकी जानकारी सीएचसी डीघ को दी। इसके बाद सीएचसी अधीक्षक डा. देवेश पांडेय को दी। सीएचसी अधीक्षक के निर्देश पर डाक्टरों की टीम गांव में पहुंची और घर-घर जाकर डायरिया पीड़ितों का इलाज किया। गांव में सोनकली देवी (65) पत्नी स्व. मनीलाल, सुमन देवी (27) पत्नी मनोज कुमार, साधना (15) पुत्री राजितराम, नीरजा देवी (30) डायरिया की चपेट में हैं।
डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने डायरिया फैलने की वजह जानने की कोशिश की तो पता चला कि प्रतापशाहपुर के जिस बस्ती में डायरिया फैला है, वहां के लोग एक कुएं का पानी पीते हैं और बरसात के इस सीजन में कुएं का पानी काफी प्रदूषित हो गया है। पास ही एक तालाब भी है, जिसके चारों तरफ गंदगी फैली हुई है।
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