बीसीसीआईः सौरभ गांगुली और जय शाह का कार्यकाल बढ़ाए जाने के संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति
नई दिल्ली (the live ink desk). सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई द्वारा संविधान में किए गए संशोधन की अनुमति प्रदान कर दी है। यह संशोधन अध्यक्ष पद व एक अन्य पद का एक बार का कार्यकाल बढ़ाने के लिए किया गया है। अब इस कदम से बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के अनिवार्य ब्रेक कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाए बगैर उनके पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद सौरभ गांगुली और जय शाह 2025 तक अपने पद पर बने रह सकते हैं।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी का कार्यकाल लगातार 12 साल हो सकता है, जिसमें राज्य में छह साल का कार्यकाल और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में छह साल का कार्यकाल है, लेकिन इसके बाद तीन साल के ब्रेक पर जाना होगा। पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों स्तरों पर लगातार दो कार्यकाल के लिए एक विशेष पद पर कार्य कर सकता है। इसके पश्चात उसे तीन साल का ब्रेक लेना होगा।
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पीठ ने कहा कि ब्रेक की अवधि का उद्देश्य अवांछित एकाधिकार नहीं बनने देना है। शीर्ष अदालत का आदेश, बोर्ड की उस याचिका पर आया है, जिसमें अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह सहित अन्य पदाधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े संविधान में संशोधन का आग्रह किया गया था। इसमें मांग की गई थी कि पदाधिकारियों के सभी राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई में कार्यकाल के बीच अनिवार्य ब्रेक की अवधि को समाप्त किया जाए। बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संविधान संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए ब्रेक की अवधि को समाप्त करने की मांग की थी, जिसमें गांगुली और शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरा करने के बावजूद अध्यक्ष और सचिव पद पर बने रहेंगे।
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इससे पहले न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अगुवाई वाली समिति ने बीसीसीआई में सुधारों की सिफारिश की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकृत बीसीसीआई के संविधान के अनुसार राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में बीसीसीआई में 3–3 साल के लगातार दो कार्यकाल के बाद किसी भी व्यक्ति का ब्रेक पर जाना अनिवार्य था। सौरव गांगुली, जहां बंगाल क्रिकेट संघ के अधिकारी थे, वहीं जय शाह गुजरात क्रिकेट संघ के पदाधिकारी थे। कुल मिलाकर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और जय शाह को बड़ी राहत दी है।