रायबरेली-प्रयागराज हाईवेः प्रथम चरण में चार जगहों पर बनेगा ग्रीन फील्ड बाईपास
दूसरे चरण में रायबरेली-प्रयागराज हाईवे को बनाया जाएगा फोरलेन
प्रयागराज (the live ink desk). महाकुंभ 2025 के मद्देनजर करवाए जा रहे विकास कार्यों में रायबरेली-प्रयागराज हाईवे, कानपुर हाईवे और वाराणसी हाईवे को लेकर एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। प्रमुख सचिव (लोनिवि) नरेंद्र भूषण ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मातहत अफसरों से कार्यों की विधिवत जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। रायबरेली से प्रयागराज हाईवे का विकास दो चरण में किया जा रहा है। प्रथम चरण में जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार, आलापुर में ग्रीन फील्ड बाईपास बनाया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में दो लेन के हाईवे को फोर लेन में बदला जाएगा। प्रथम चरण का कार्य नवंबर, 2024 तक और दूसरे चरण का कार्य दिसंबर 2024 तक पूर्ण होने की संभावना है।
संगमनगरी को जोड़ने वाले लखनऊ एवं कानपुर हाईवे पर चौड़ीकरण एवं फोरलेन का कार्य पूर्ण हो जाने के पश्चात 200 किलोमीटर की दूरी लगभग 2.5 से 3 घंटे में पूरी होने लगेगी। प्रमुख सचिव लोनिवि ने प्रयागराज में बनाए जा रहे छह लेन पुल के कार्यों की समीक्षा की। यह पुल फाफामऊ के मलाका से शुरू होकर स्टैनली रोड को कनेक्ट करेगा। जिले की ट्रैफिक संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) से संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा प्रस्तावित रिंग रोड का कुल 65 किमी के एलाइनमेंट का अनुमोदन किया गया है और इसे दो चरणों में बनाया जाएगा।
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वर्चुअल बैठक में सबसे पहले प्रयागराज-रायबरेली-लखनऊ मार्ग को फोर लेन बनाने के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग दो सेक्शन में विभक्त है, जिसमें लखनऊ से रायबरेली (70 किमी) और रायबरेली से प्रयागराज (106 किमी) शामिल है। उन्होंने अवगत कराया कि लखनऊ से रायबरेली तक फोर लेन का कार्य बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) आधार पर पूर्ण हो चुका है और ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के स्तर पर है।
रायबरेली से प्रयागराज (106 किमी) की सड़क के विकास के दृष्टिगत उन्होंने बताया कि इसे दो चरणों में बनाया जा रहा है। प्रथम चरण में चार जगहों (जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार, आलापुर) में ग्रीन फील्ड बाईपास बनाया जा रहा है। सई नदी पर एक पुल का भी निर्माण हो रहा है। प्रथम चरण के सभी कार्य अगले वर्ष नवंबर तक पूर्ण किए जाने की संभावना है।
द्वितीय चरण में 8.5 किमी के दो लेन को फोर लेन में उच्चीकृत किया जा रहा है। इस कार्य के लिए निविदा 19 जनवरी को प्राप्त हो चुकी है। 31 मार्च तक कार्य एवार्ड हो जाएगा और मार्च, 2024 तक पूर्ण होने की संभावना है। शेष 63 किमी के लिए निविदा आमंत्रित की गई है, जो मार्च, 2023 तक प्राप्त कर ली जाएगी। 15 अप्रैल तक कार्य एवार्ड कर दिया जाएगा और दिसंबर, 2024 तक पूर्ण होने की संभावना है।
इसी क्रम में मंडलायुक्त ने प्रयागराज से कानपुर रूट पर फतेहपुर से कानपुर तक किए जा रहे फोरलेन रोड के निर्माण की प्रगति धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की गई, जिस पर संबंधित अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि इसे अतिशीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। लखनऊ एवं कानपुर, दोनों ही रूट पर चौड़ीकरण एवं फोरलेन का कार्य पूर्ण हो जाने के पश्चात 200 किलोमीटर की दूरी का सफर 2.5 से तीन घंटे में पूरा होने लगेगा।
प्रयागराज में प्रस्तावित रिंग रोड के बारे में चर्चा करते हुए यह अवगत कराया गया कि कुल 65 किमी के एलाइनमेंट का अनुमोदन किया गया है। इसे दो चरणों में बनाने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में सहसों से दांदूपुर तक कुल 29.5 किमी का निर्माण किया जाना है, जिसका डीपीआर बनाया जा रहा है।
इस परियोजना के प्रथम चरण को तीन फेज में बांटा गया है। प्रथम फेज में ग्राम दांदूपुर (रींवा रोड) से ग्राम महुआरी (मिर्जापुर रोड) लंबाई 7.6 किमी का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। जबकि फेज-2 में ग्राम महुआरी (मिर्जापुर रोड) से ग्राम नवाबा उर्फ नीबीकला उपरहार (लंबाई 7.6 किमी) का निर्माण प्रस्तावित है। इसी तरह फेज –3 में ग्राम नवाबा उर्फ नीबीकला उपरहार से ग्राम खुदायपुर कसगांव (एनएच-16) का निर्माण प्रस्तावित है, इसकी लंबाई 14.763 किमी है।