अवध

सामाजिक चेतना का केंद्र है नुक्कड़ नाटक : डा. श्लेष गौतम

वर्तमान में जागरूकता का सबसे सशक्त माध्यम है नुक्कड़ नाटक : डॉ. भरत पाठक

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). प्रयागराज की बहुचर्चित नुक्कड़ नाट्य अभिनय संस्थान का स्थापना दिवस (11 जनवरी) बुधवार को दोपहर माघ मेला सेक्टर 4 के बीबी सिंह मेमोरियल सामुदायिक विकास संस्थान के शिविर में मनाया गया। मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली से आए गंगा विचार मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. भरत पाठक ने कहा संस्थान द्वारा मां गंगा की अविरलता और स्वच्छता के प्रति किए गए कार्य की सराहना के योग्य है। यही नुक्कड़ नाटक का सामाजिक सरोकार भी है।  वर्तमान समय में जागरुकता का सबसे सशक्त माध्यम नुक्कड़ नाटक है।

विशिष्ट अतिथि लोक कलाविद अतुल यदुवंशी ने नुक्कड़ नाटक के इतिहास पर नजर डालते हुए कहा की नुक्कड़ नाटकों का हमारे आजादी में बड़ी भूमिका रही है। नुक्कड़ नाटक न सिर्फ सामाजिक जागरूकता का माध्यम है बल्कि व्यवस्था के खिलाफ आंख में आंख डालकर अपनी बात कहने का भी माध्यम है। यदुवंशी ने संस्थान के तीन साल के सफर की सराहना करते हुए कहा की नुक्कड़ नाटक में नवाचार का प्रयोग करते हुए संस्थान आगे बढ़े और नए आयाम स्थापित करे।

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सुप्रसिद्ध कवि और कानून विशेषज्ञ डा. श्लेष गौतम ने कहा कि नुक्कड़ नाटक प्रतिरोध का माध्यम है, साथ ही समाज की चेतना का केंद्र भी है। गंगा विचार मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. भरत कुमार पाठक के विशेष आग्रह पर डॉ. श्लेष गौतम ने “दूर अंधेरा होगा नई सदी फिर आएगी, नई सदी यह गंगा तेरे नाम ही कहलाएगी”  का काव्य पाठ भी किया।

युवा वक्ता जूनियर रिसर्च फेलो एवं लोक कलाओं पर शोध कर रहे धीरज अग्रवाल ने कहा- नुक्कड़ नाटक सीमित संसाधनों में कला प्रदर्शन  का उत्कृष्ट उदाहरण है। नमामि गंगे की जिला परियोजना अधिकारी एशा सिंह ने कहा,  नुक्कड़ नाटक बिहेवियर चेंज के लिए एक वेपन है, जो गंगा सटे गांव में युवाओं को मां गंगा के स्वच्छता प्रति जागरूक करता रहा है।

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अंतरराष्ट्रीय लोकनाट्य नायिका एवं संगीत विशेषज्ञ डा. सोनम सेठ ने कहा, प्रारंभिक कला के रूप में नुक्कड़ नाटक को विद्यालीय शिक्षा में शामिल करना चाहिए। ट्रैफिक इंस्पेक्टर प्रयागराज, पवन कुमार पांडेय ने कहा नुक्कड़ नाट्य अभिनय संस्थान ने न सिर्फ यातायात के प्रति जागृत किया बल्कि पुलिस के प्रति आम जनमानस के व्यवहार के परिवर्तन में भी बड़ी भूमिका निभाई।

लेखक संतोष गुप्ता ने कहा, संस्थान चार वर्षों से सामाजिक चेतना के विस्तार में सहयोग दे रहा है और आगे भी सतत यह क्रम चलता रहे, साथ ही नुक्कड़ नाटक गंभीर विषयों को बड़ी ही सहजता से कहने माध्यम है।

संगोष्ठी के समापन के बाद बीबी सिंह मेमोरियल सामुदायिक विकास संस्थान के डॉ एसपी सिंह के द्वारा डॉ भरत कुमार पाठक को स्मृति चिन्ह एवं शॉल देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान मुखौटा नाट्य प्रस्तुति गंगा को पावन रहने दो का भी मंचन किया गया, जिसमें प्रतिभाग करने वाले कलाकार गौतम त्रिपाठी, अभिषेक खत्री, अरविंद यादव, हेमलता साहू, प्रदीप कुमार ने अपने अभिनय का जादू बिखेरा। कार्यक्रम का संचालन युवा फिल्म निर्देशक नीतीश केस ने किया।  इस दौरान संस्था के रूप सचिव देवेंद्र राजभर, व्यवस्थापक नीरज सिंह, आदित्य मौर्य, इमरान खान, हेमलता साहू, रोशनी मौर्या, शिवकुमार मौर्य मौजूद रहे। अंत में संस्थान के सचिव कृष्णकुमार मौर्य ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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