अवध

कान्हा के जन्म लेते ही आतिशबाजी से रोशन हुई अंधेरी रात

शंकरगढ़ थाना परिसर समेत जनपद के सभी थानों व पुलिस लाइन में धूमधाम से मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पर्व

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पर्व शुक्रवार को पूरे जनपद में पूरे उत्साह और आस्था के साथ मनाया गया। मंदिरों को रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया था। बाजारों, प्रमुख कस्बों में कान्हा की झांकियां सजाई गई थी। इसके अलावा जनपद के सभी थानों व पुलिस लाइन में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर विशेष आयोजन हुए। रात के जैसे ही बारह बजे -जय कन्हैयालाल की और हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की, भजन गूंजने लगा। इस दौरान कई स्थानों पर गीत-संगीत का भी कार्यक्रम हुआ।

शंकरगढ़ थाना परिसर भी आकर्षक तरीके से सजाया गया था। रंग-बिरंगी रोशनी के साथ-साथ फूल-पत्तियों से थाना परिसर व मंदिर की छटा देखते बन रही थी। शंकरगढ़ थाना परिसर में शुक्रवार की मध्य रात्रि में कान्हा के जन्म लेते ही आसमान आतिशबाजी की रोशनी से रोशन हो उठा। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच महिलाओं ने सोहर गाया।

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थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने अपने परिवार और समस्त स्टाफ के साथ मंदिर में पूजन अर्चन किया। उसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। कान्हा के जन्म लेने के बाद जनपद के  विभिन्न मंदिरों, घरों नंदलाला की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु बेताब दिखे। झूले पर झूलते श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का अलौकिक दर्शन पाकर भक्तजन निहाल हो गए। शंकरगढ़ में थाना परिसर के साथ-साथ नगर पंचायत और ग्रामीणांचल में भी देर रात तक भजन-कीर्तन का प्रोग्राम चला। इसके उपरांत धनिया के प्रसाद का वितरण किया गया।

शंकरगढ़ थाना परिसर में सजाई गई मनोहारी झांकियों को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। नगर पंचायत के साथ-साथ ग्रामीणांचल से भी लोग थाना परिसर के आयोजन को देखने आए थे। इस दौरान यहां पर सनी म्युजिकल ग्रुप के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

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जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपने भजन के जरिए कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया। दूसरी तरफ घरों में भी झांकियां सजाई गई थी। लोगों ने रात 12 बजे तक का इंतजार किया और जैसे ही बारह बजे भगवान श्रीकृष्ण का खीरे से जन्म हुआ। नगर पंचायत शंकरगढ़ की विभिन्न मंदिरों, घरों व दुकानों में सजाई गई झांकी को देखने केलिए सांझ ढलने के बाद से देर रात तक लोगों का आवागमन बना रहा। कस्बा देर रात तक चहल-पहल से गुलजार रहा।

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