अवधराज्य

‘ध्यान’ योगासन का प्रमुख अंगः रमेश केसरवानी

आरएसएस माधव प्रभात शाखा में योग दिवस पर सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). योग-प्राणायाम न सिर्फ निरोगी काया प्रदान करते हैं, बल्कि यह इंसान को मानसिक रूप से मजबूत बनाते हैं। सोचने-समझने और परिस्थितयों के अनुकूल कार्य करने की क्षमता का सृजन करते हैं। यह बातें योग प्रशिक्षक रमेश केसरवानी ने सामूहिक योगाभ्यास के दौरान कही।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की माधव प्रभात शाखा में शुक्रवार को सुबह योग दिवस मनाया गया। योग शिक्षक रमेश केसरवानी ने योग के महत्व को बताते हुए कई प्रकार के आसन-प्राणायाम का अभ्यास करवाया और योगासनों के करने के समय, इससे होने वाले फायदे भी गिनाए। रमेश केसरवानी ने यहभी बताया कि किस समय किसे योगासन नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘ध्यान’ योग का एक प्रमुख हिस्सा है। ध्यान करने से स्पष्ट सोच और आंतरिक शांति मिलती है, जो हमारे व्यस्त जीवन के बीच अमूल्य संतुलन बनाती है। बताया कि योग के असंख्य लाभ हैं। यह हमारे शरीर को अत्यधिक लचीला बनाने में सहायता करता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और जोड़ों को स्वस्थ बनाता है।

महर्षि पतंजलि ने योग को ‘चित्त की वृत्तियों’ के निरोध के रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने ‘योगसूत्र’ नाम से योगसूत्रों का एक संकलन किया, जिसमें उन्होंने पूर्ण कल्याण और शारीरिक, मानसिक व आत्मिक शुद्धि के लिए अष्टांग योग का एक मार्ग विस्तार से बताया है। अष्टांग योग को आठ अलग-अलग चरणों वाला मार्ग नहीं समझना चाहिए। यह आठ आयामों वाला मार्ग है, जिसमें आठों आयामों का अभ्यास एक साथ किया जाता है। अष्टांग योग के आठ अंगों में  यम,  नियम,  आसन,  प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि को समाहित किया गया है।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से शाखा कार्यवाह संजय केसरवानी, मूलचंद गुप्ता, डाक्टर अवधेश त्रिपाठी, डॉक्टर प्रेमचंद केसरवानी, नरेंद्र गुप्ता, अरविंद केसरवानी व्यापार मंडल अध्यक्ष शंकरगढ़, महामंत्री पंकज केसरवानी, दीपक नीर, मनोज केसरवानी, अनूप केसरवानी, सुरेश केसरवानी, छेदीलाल कोटार्य, रामानुज गुप्ता, पंकज राय, अंबुज राय आदि मौजूद रहे।

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