समाज को एकता के सूत्र में पिरोते हैं डा. बीआर अंबेडकर के विचारः विनय चौरसिया
अंबेडकर जयंती पर सुरियावां में निकलीं मनमोहक झांकियां, दी गई श्रद्धांजलि
भदोही (राजकुमार सरोज). डा. बीआर अंबेडकर की 132वीं जयंती नगर पंचायत सुरियावां में धूमधाम के साथ मनाई गई। बाबा साहब के विचारों से ओत-प्रोत झांकियों के द्वारा जनजागरण किया गया। रैली में शामिल भीमसेना के कार्यकर्ताओं ने बीआर अंबेडकर को महान समाज सुधारक की संज्ञा से नवाजा।
सुरियावां में आधा दर्जन से अधिक रैलियों का शुभारंभ नगर पंचायत के 52 बीघा तालाब से किया गया। समाजसेवी विनय चौरसिया ने रैलियों को रवाना किया। बावन बीघा तालाब से निकली रैलियां रामबाग, नेतानगर, बाईपास चौराहा, दालमंडी, पुरानी बाजार और चौक होते हुए पुनः 52 बीघा तालाब पर पहुंचकर समाप्त हुईं।
समाजसेवी विनय चौरसिया ने डा. बीआर अंबेडकर के चित्र पर माल्यर्पण करते हुए नमन किया। कहा कि डा. बीआर अंबेडकर जैसे समाजसुधारक सदियों में एक बार जन्म लेते हैं। समाजमें ऊंच-नीच, जातिगत और भेदभाव वाली खाईं को पाटने में यह देश उनका सदैव ऋणी रहेगा। डा. अंबेडकर के विचार पूरे समाज को एकता के सूत्र में पिरोते हैं। समाज की पिछली पंक्ति में खड़े लोगों को आगे लाने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण के लिए अंबेडकर का समूचा जीवन समर्पित रहा। समाजसेवी ने डा. अंबेडकर को नमन करते हुए उनके विचारों को जीवन में आत्मसात करने का आह्वान भी किया।
इसके उपरांत उन्होंने रैली में शामिल लोगों को भगवान बुध की प्रतिमा भेंटकर सम्मानित किया और आज के सकुशल आयोजन के लिए बधाई दी। इसी क्रम में चार अन्य रैलियों का समापन नगर क्षेत्र के जोधराज सिंह तालाब पर किया गया। चटख धूप के दौरान निकाली गई रैली के दौरान लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, कोई बीमार न पडऩे पाए, इसके लिए भी समाजसेवी विनय चौरसिया की तरफ से हर तरह का पर्याप्त इंतजाम किया गया था। इस मौके पर सुरेश गौतम, महेश, राजेश अधिकारी, शिवम, राजेश, अंजनी मोदनवाल, गोपाल, पप्पू वर्मा, विजय कुमार, सतीश, पिंटू, बबलू गौतम, विशाल, दिलीप, जलालुद्दीन सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।