पूर्वांचल

फरसा-कुदाल में लगा लें धार, मानसून सीजन में रोपे जाएंगे 1309760 पौधे

ग्राम वन, नंदन वन, आयुष वन, बाल पौधरोपण, कृषि वानिकी, विरासत वृक्षों की होगी स्थापना

विभागों को लक्ष्य के सापेक्ष स्थल चयन, गड्ढा बनाने और 30 जून तक रिपोर्ट देने का निर्देश

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). प्रत्येक वर्ष मानसून सीजन में चलाए जाने वाले पौधरोपण अभियान के तहत इस वर्ष भदोही में 1309760 पौधे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही ग्राम वन, नंदन वन, आयुष वन आदि की स्थापना भी की जाएगी। बीते दिनों सीडीओ ने बैठक कर सभी विभागों को इसकी तैयारी शुरू करने और 30 जून तक रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है।

सीडीओ यशवंत कुमार सिंह ने कहा, धरा पर पेड़-पौधों के बिना जीवन असंभव है। बढ़ते औद्योगीकरण से पर्यावरण संकट दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। इसलिए हम सभी को अधिक से अधिक मात्रा में पौधरोपण करना चाहिए। बताया कि इस वर्ष वृक्षारोपण के साथ-साथ सरकारी भवनों, विद्यालयों, कालेजों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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सीडीओ ने बताया कि पौधरोपण के लिए सभी विभागों को स्थल का चयन करने, गड्ढा बनवाने और पौधों का इंतजाम करने के लिए कहा गया है। प्रभागीय वनाधिकारी को सरकारी नर्सरी के अलावा प्राइवेट नर्सरी से भी संपर्क कर बड़े पौधे उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा व्यक्तिगत रूप से पौधरोपण करने वाले जनपदवासियों की सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी के पास भूमि नहीं है तो उसे पौधरोपण के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। सीडीओ ने बताया कि ग्राम वन, नंदन वन, आयुष वन, बाल पौधरोपण, कृषि वानिकी, विरासत वृक्ष भी लगाए जाएंगे।

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वन विभाग लगाएगा सर्वाधिक 3.5 लाख पौधाः प्रभागीय वनाधिकारी के मुताबिक इस वर्ष 1309760 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें वन विभाग को 350000, पर्यावरण विभाग को 45000, ग्राम विकास विभाग को 531000, पंचायती राज विभाग को 54000, कृषि विभाग को 106000, उद्यान विभाग को 66000, राजस्व विभाग (समस्त तहसील) को 45000, नगर विकास विभाग को 11000, रेलवे विभाग को 5000, माध्यमिक शिक्षा को 3000, उच्च शिक्षा 10000, प्राविधिक शिक्षा विभाग को 3000, लोनिवि को 7000, सिंचाई विभाग को 8000, स्वास्थ्य विभाग को  5000, उद्योग विभाग को 7000, पशुपालन विभाग को 4000, आवास विकास विभाग 4000, गृह विभाग 6300, सहकारिता विभाग को 2380, विद्युत विभाग को 2380, औद्योगिक विकास विभाग 4000, बेसिक शिक्षा विभाग को 5000, श्रम विभाग को 1900, परिवहन विभाग को 1800, रेशम विभाग को 19000, रक्षा विभाग को 3000  का लक्ष्य निर्धारित किया गया है

 

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