100 फीसद दिव्यांगों को मिला सर्टिफिकेट, दिव्यांगता की श्रेणी से बाहर मिले 26 बच्चे
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). ब्लाक संसाधन केंद्र सुरियावां में गुरुवार को दिव्यांग बच्चों के लिए मेडिकल असेसमेंट कैंप का आयोजन किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने दिव्यांगों की उनकी श्रेणी के आधार पर प्रमाणपत्र जारी किया। इस कैंप के लिए कुल 64 बच्चों ने आवेदन किया था, जिसमें 38 बच्चों को सर्टिफिकेट (disabled got certificate) जारी किया गया। जबकि 26 बच्चे दिव्यांगता की श्रेणी (40 फीसद से कम) से बाहर पाए गए।
बीआरसी सुरियावां में लगे मेडिकल असेसमेंट कैंप सभी पंजीकृत 64 बच्चों ने भाग लिया। इस दौरान मेडिकल टीम के द्वारा सभी बच्चों की बारी-बारी से जांच की गई। जांचोपरांत फिजिकली हैंडीकैप (पीएच) श्रेणी के 13, दृष्टि बाधित श्रेणी के सात और मानसिक मंदित (एमआर) श्रेणी के 18 बच्चों को उनके दिव्यागता प्रतिशत के आधार पर सर्टिफिकेट जारी किया गया। कैंप में जांच के उपरांत आंख की जांच के लिए चार बच्चों को जिला अस्पताल भेजा गया है।
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आज के इस कैंप में कुल 38 बच्चे दिव्यांगता सर्टिफिकेट (disabled got certificate) के साथ घर लौटे, जबकि अवशेष 26 बच्चे ऐसे थे, जिनका दिव्यांगता प्रतिशत 40 से कम था। ऐसे में मानक के अनुसार उनका दिव्यांगता प्रमाणपत्र नहीं बनाया गया। कैंप में आर्थो सर्जन डा. सत्यप्रकाश मोदनवाल, आई सर्जन डा. मुकुल पांडेय, मनोचिकित्सक डा. दिनकर प्रसाद त्रिपाठी, नैदानिक मनोवैज्ञानिक डा. अशोक परासर, फिजिशियन डा. प्रकाशचंद्र पाठक, बाबू रामरती यादव, सहायक महमूद आलम मौजूद रहे।
कैंप में मौजूद बीईओ सुमन केसरवानी ने बताया कि पंजीकरण के सापेक्ष 100 फीसद बच्चों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी किया गया। इस तरह के कैंपों का आयोजन आवश्यकतानुसार आगे भी किया जाता रहेगा। शिक्षा विभाग की तरफ से जिला समन्वयक समेकित शिक्षा रश्मि मिश्रा, फीजियोथेरेपिस्ट डा. जेपी सिंह, स्पेशल एजुकेटर सत्येंद्र कुमार द्विवेदी, श्याम बहादुर यादव, राणा गोविंद, राजेश गुप्ता, विजय मौर्य, रामसजीवन आदि मौजूद रहे।
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यहां उल्लेखनीय है कि बीते दिनों बीआरसी औराई में हुए मेडिकल असेसमेंट कैंप में भारी अव्यवस्था देखने को मिली थी। दूरदराज से आए दिव्यांग बच्चों और अभिभावकों को बिना सर्टिफिकेट के वापस जाना पड़ा था। उस कैंप में मेडिकल विशेषज्ञों की टीम को नहीं बुलाया गया था। पर, इस दफा के कैंप में स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी के साथ बीआरसी सुरियावां पहुंचा था।