पूर्वांचल

ऐतिहासिक रामलीला में टूटा धनुष, पुष्पवर्षा के बीच जनकदुलारी ने पहनाई वरमाला

भदोही. आदर्श रामलीला कमेटी कोनिया ऐतिहासिक रामलीला में बीती रात राम विवाह का भावपूर्ण मंचन किया गया। 126वीं रामलीला मंचन के चौथे दिन धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण-परशुराम संवाद की लीला देखकर दर्शक रोमांचित एवं भावविभोर हो गए। सीता स्वयंवर के लिए भव्य मंच सभी को आकर्षित कर रहा था। सीता स्वयंवर के बाद जब भगवान श्रीराम ने जनकदुलारी मां सीता को माला पहनाई तो पूरा ग्राउंड जय श्रीराम और सीताराम के जयघोष से गुंजायमान हो गया।

आदर्श रामलीला कोनिया मंडल तुलसी कला के तत्वावधान में सीता स्वयंवर लीला मंचन को देखने के लिए सर्द हवाओं के बीच भी दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी। धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद लीला का सुंदर मंचन हुआ। धनुष यज्ञ लीला के लिए सजाया गया मंच सभी को आकर्षित कर रहा था। दरबार में माता सीता अपनी सखी-सहेलियों के साथ स्वयंवर के लिए उपस्थित हुईं।

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राजा जनक ने दूर-दूर के राजा, महाराजा और शूरवीरों को आमंत्रित किया था। लंकापति रावण और अयोध्या से सूर्यवंशी महाराज दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्रीराम के साथ ही कई राक्षस राज और प्रतापी राजा सीता का स्वयंवर करने के लिए आए थे। राजा जनक ने सीता स्वयंवर के लिए भगवान शिव का धनुष दरबार में प्रस्तुत करते हुए उनको तोड़ने वाले वीर से सीता का विवाह करने की शर्त रखी।

इसके पश्चात बाणासुर और लंकापति रावण भी यह धनुष तोड़ने का प्रयत्न करते हैं, लेकिन वह सफल नहीं हो पाते। अंततः भगवान श्रीराम इस धनुष को तोड़कर माता सीता से विवाह करते हैं और उनको अयोध्या ले आते हैं। धनुष यज्ञ लीला में कोनिया के कलाकारों ने अदभुत अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लक्ष्मण और परशुराम के संवाद की दर्शकों ने भूरि-भूरि सराहना की।

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