मिसाइल मैन के सपनों को ‘जी’ रहा TMU, पुण्यतिथि पर ताजा हुईं यादें
मुरादाबाद. ‘मिसाइल मैन’ शब्द सुनते ही हम भारतीयों की आंखों के सामने एक अक्स उभरकर सामने आ जाता है। और, वो अक्स है हमारे पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम का। शांत स्वभाव, मीठी मुस्कान से हर दिल को अपना बना लेने वाली कलाम जैसी शख्सियत न तो हुई थी और न होगी।
भारत को परमाणु शक्ति संपन्न और मिसाइल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने वाले मिसाइल मैन की आज (27 जुलाई, 2024) पुण्यतिथि है। पूरा देश उन्हे दिल से मिस कर रहा है। अपने-अपने तरीके से श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है। देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम की मधुर स्मृतियां तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में भी साझा की गईं।
वह (एपीजे कलाम) बतौर मुख्य अतिथि 12 बरस पूर्व (2012) अपनी गरिमामयी मौजूदगी से यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह को गुलज़ार कर गए थे। समारोह के दौरान वह कभी शिक्षक, कभी अर्थशास्त्री तो कभी वैज्ञानिक की भूमिका में नज़र आए। उन्होंने स्टुडेंट्स को तरक्की के दस सूत्र भी सुझाए। वह यूनिवर्सिटी के अद्भुत, भव्य और अविस्मरणीय इस समारोह में करीब सवा दो घंटे रहे।
कुलाधिपति सुरेश जैन और ग्रुप वाइस चेयरमैन मनीष जैन मशहूर वैज्ञानिक डॉ. कलाम के वार्म वेलकम करने वालों में शामिल थे। मिसाइल मैन की पुण्यतिथि पर इनके दिलों दिमाग में आज भी भारत के इस सच्चे सपूत की मधुर स्मृतियां ताज़ा हैं। दीक्षांत समारोह में उन्होंने टीएमयू के छात्रों का आह्वान किया था, उन्हें भारत को विकसित देश बनाने के सपने को साकार करना है। इसके लिए ईमानदारी पहली शर्त है, इसीलिए देश में करप्शन को खत्म करना होगा। आविष्कार, शोध, संरचनात्मक परिवर्तन और गरीबी दूर करने के लिए जुटना होगा।
उन्होंने इस दीक्षांत समारोह में विवि के 75 टॉपरों को स्वर्ण पदक और उपाधि प्रदान की थीं। उल्लेखनीय है, इसरो के निदेशक रहे डा. कलाम के सपनों को मूर्त रूप देने के प्रति टीएमयू बेहद संजीदा है।
इसरो ने इसी बरस टीएमयू में अपना नोडल सेंटर खोला है। स्टार्ट-इसरो कार्यक्रम के तहत फर्स्ट ऑनलाइन प्रशिक्षण भी हो चुका है। इस 15 दिनी ट्रेनिंग में इसरो के करीब दो दर्जन वैज्ञानिकों ने व्याख्यान दिए। इन ई-क्लासेज में टीएमयू के इसरो नोडल सेंटर के 361 छात्रों ने परीक्षा उत्तीर्ण की। प्रशिक्षण के दौरान इन स्टुडेंट्स ने सौर मंडल के रहस्यों को गहनता से समझा।