
The live ink desk. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में 10,601 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले उर्वरक संयंत्र की आधारशिला रखी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से न केवल उर्वरक उत्पादन को मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। संयंत्र से हर वर्ष 12 लाख 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि नए उर्वरक संयंत्र से देश की उर्वरक आयात पर निर्भरता घटेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के व्यापक अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पुराने कारखानों की तकनीक समय के साथ अप्रासंगिक हो चुकी थी, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते नामरूप की कई इकाइयां धीरे-धीरे बंद होती चली गईं। उन्होंने कहा कि अब केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार पूर्व की उपेक्षा से पैदा हुई समस्याओं का समाधान कर रही है।
श्री मोदी ने बताया कि वर्ष 2014 में देश में यूरिया का कुल उत्पादन करीब 225 लाख मीट्रिक टन था, जो बीते दस–ग्यारह वर्षों के सतत प्रयासों से बढ़कर अब लगभग 306 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। यह वृद्धि किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर उठाए गए ठोस कदमों का परिणाम है।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी के पश्चिम बोरागांव स्थित शहीद स्मारक में असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वे ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के अंतर्गत असम के 25 मेधावी विद्यार्थियों से संवाद करेंगे। यह संवाद ब्रह्मपुत्र नदी पर एक क्रूज के दौरान आयोजित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने एक दिन पूर्व गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन भी किया था। उन्होंने कहा कि असम और समूचा पूर्वोत्तर क्षेत्र अब देश के विकास का नया प्रवेश द्वार बनकर उभर रहा है। बुनियादी ढांचे और संपर्क व्यवस्था पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने से क्षेत्र में बदलाव साफ नजर आ रहा है।



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