श्री मनकामेश्वर धाम महोत्सवः ‘धन-वैभव के नहीं भक्ति-भाव के प्यासे हैं श्रीहरि विष्णु’
श्रीमनकामेश्वर धाम लालापुर महोत्सव को तीसरे दिन कथावाचिका ने सुनाई भक्त प्रह्लाद की कथा
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). 20वें श्री मनकामेश्वर धाम लालापुर महोत्सव 2023 में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में अंतरराष्ट्रीय बाल विदुषी प्रभु प्रिया ने भक्तों को भक्त प्रह्लाद की कथा सुनाई। बाल विदुषी ने कहा, श्रीहरि के अनन्य भक्त प्रह्लाद अपने पिता हिरणाकश्यप से कहा कि भजन करना ही जीवन का सार है। इस संसार में रहकर भजन और नारायण का नाम नहीं लिया, तो जीवन बेकार है। भक्त प्रह्लाद के उपदेश के बाद भी उसके पिता पर कोई असर नहीं हुआ और उसने अपने बेटे प्रहलाद को मारने के नाना प्रकार के जतन किए, लेकिन सब फेल हो गए।
कथावाचक प्रभु प्रिया ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान सिर्फ भाव के भूखे हैं। उनको दो ट्रक अनाज या फिर धन-वैभव नहीं चाहिए। वह तो सिर्फ प्रेम और भाव के भूखे हैं। गृहस्थ में रहकर जो भगवान को याद करता है, वास्तविकता में वही भक्त है। उन्होंने कहा कि भजन करने की कोई उम्र और कोई समय नहीं होता। यद्यपि ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा है, लेकिन भगवत-भजन किसी भी समय किया जा सकता है। “मान ले मेरा कहना, नहीं तो पछताएगा, माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा, एक दिन यह हंस अकेला उड़ जाएगा” के साथ उन्होंने नरसिंह भगवान और हिरण्यकश्यप के प्रसंग का समापन किया।
महोत्सव के बीसवें सोपान का आयोजन पांच अप्रैल से 11 अप्रैल तक किया जा रहा है। कार्यक्रम के संयोजक सूर्यनिधान पांडेय ने भगवान रामेश्वरम वाटिका, शंकरगढ़ में आयोजित महोत्सव में कथा प्रवचन के अलावा सुप्रसिद्ध कलाकारों के द्वारा रात्रिकालीन भक्ति संगीत सांस्कृतिक संध्या में विविध कार्यक्रम हो रहे हैं। उन्होंने समस्त क्षेत्रवासियों से आयोजन को सफल बनाने की अपील की है।
सूर्यनिधान पांडेय ने बताया कि महोत्सव का आठ को रामादि पूर्वजों की कथा, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, नौ अप्रैल को शैशवावस्था के ब्रह्म का दर्शन नामकरण, पूतना उद्धार और दस अप्रैल को बाल लीला, बकासुर वध की कथा सुनाई जाएगी। इसके बाद 11 अप्रैल को विवाह और हवन-पूजन का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में चतुर्भुज दास गुप्ता, सुधा गुप्ता, रामबदन केसरवानी, नरेंद्र गुप्ता, जादूगर हेमराज, सुरेश केसरवानी, दीपक केसरवानी, मुन्ना सिंह समेत तमाम स्थानीय व्यापारियों व ग्रामीणों के द्वारा बढ़-चढ़कर सहभागिता की जा रही है। रामेश्वरम वाटिका में आयोजित महोत्सव की वजह से पूरे क्षेत्र में भक्ति की बयार बह रही है।