पूर्वांचल

दस्त नियंत्रण पखवाराः दस्त से न घबराएं, जिंक और ओआरएस का घोल पिलाएं

जिलाधिकारी ने महाराजा चेत सिंह जिला अस्पताल में पखवारे का किया शुभारंभ

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). जिलाधिकारी गौरांग राठी ने बुधवार, सात जुलाई कोसघन दस्त नियंत्रण पखवारे का शुभारंभ किया। महाराजा चेत सिंह जिला अस्पताल में पखवारे का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी ने मरीजों और तीमारदारों से बातचीत की। अस्पताल से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली।

जिलाधिकारी गौरांग राठी ने पखवारे का शुभारंभ करते हुए बच्चों को ओआरएस व जिंक टैबलेट खिलाया। कहा, गर्मी से, प्रदूषित जल व खान-पान से छोटे-छोटे बच्चों में डायरिया कंट्रोल करने के लिए सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया गया है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ जनपद के शून्य से पांच वर्ष के लगभग पौने तीन लाख बच्चों को आशा एवं एएनएम के माध्यम से ओआरएस व जिंक वितरण किया जा रहा है।

बताया कि मातृ स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए ‘एक कदम सुपोषण की ओर’ सात जून से छह जुलाई 2023 तक कार्यक्रम के तहत प्रसव पूर्व जांच, फोलिक एसिड, आयरन कैल्शियम, एल्बेंडाजोल, पोषण परामर्श, ई-कवच पर रिपोर्टिग, सैम प्रबंधन आदि बिंदुओं पर लोगों को जागरूक करते हुए ‘पोषण चुनो-तेज बनो’ की अपील की।

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सीएमओ डा. संतोष कुमार चक ने बताया कि सात से 22 जून सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर किया जा रहा है। जहां पर डायरिया के संक्रमण से बच्चों की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपाय सुझाते हुए ओआरएस पैकेट व जिंक पैकेट का निशुल्क वितरण किया गया। सीएमओ ने बताया कि डायरिया से बचाव के लिए सफाई, पहले 6 महीने के लिए विशेष स्तनपान, स्वच्छ पीने का पानी, विटामिन ए खुराक लो-ऑस्मोलैरिटी ओआरएस, जिंक और निरंतर खान-पान, रोटावायरस से बचाव के लिए टीकाकरण आदि पहल करनी चाहिए।

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उन्होंने शून्य से पांच वर्ष के बच्चों के माता-पिता व अभिभावकों से अपील किया कि डायरिया के डिहाइड्रेशन में बदलने का इंतजार नहीं करना चाहिए, तुरंत ओआरएस व जिंक टैबलेट देना शुरू करें। याद रखें, दस्त ठीक होने उपरांत भी जिंक की गोली 14 दिनों तक अवश्य दें। जरूरत पड़ने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा से संपर्क करें।

जिलाधिकारी गौरांग राठी ने ओटी, प्रसव कक्ष, पैथोलॉजी, मेडिसीन, ओपीडी, एआरटीसी सेंटर का निरीक्षण किया। डॉक्टर्स, मरीज व तीमारदारों से जानकारी ली। मरीजों से पर्चा मांग कर देखा और उनसे पूछा भी कि बाहर से तो कोई दवा नहीं खरीदी है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने एचआईवी केंद्र पर एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के रजिस्ट्रेशन, इंवेस्टीगेशन व काउंसिलिंग प्रक्रिया की जानकारी ली और उपस्थिति रजिस्टर चेक किया। इस अवसर पर सीएमएस डा. राजेंद्र कुमार भी उपस्थित रहे।

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